स्वास्थ्य विभाग की योजना, 10 से 19 साल तक के किशोर-किशोरियों की मदद करेंगे साथिया केंद्र

सच्चे साथी की तरह साथिया केंद्र में टीनएजर्स को उचित परामर्श देने के लिए मौजूद रहेंगे एक्सपर्ट

Meerut। टीनएजर्स को भटकाव से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने साथिया केंद्र शुरू किए हैं। इन केंद्रों पर जाकर कोई भी किशोर या किशोरी अपनी समस्याओं का निवारण कर सकता है। खास बात है कि इन केंद्रों पर ट्रू फ्रेंड की तरह एक्सप‌र्ट्स समस्याओं को सुलझाएंगे। ये केंद्र 10 से 19 साल तक के किशोर-किशोरियों की मदद करेंगे। एक्सपर्ट के मुताबिक एक उम्र के बाद टीनएजर्स यौन, मेंटल और बिहेवियर से परिपक्व होने लगते हैं। इस दौरान किशोर-किशोरियों की समस्याओं में विभिन्नता के साथ-साथ जोखिम भी अलग-अलग होते हैं।

गोपनीय होगा रिकार्ड

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार ग्रामीण या शहरी क्षेत्र के किशोर-किशोरियों की यौन विषय पर समस्याएं व जानकारियां अलग-अलग होती है। हालांकि, इस बाबत किशोर-किशोरियां बात करने से डरते हैं। जिस वजह से वह ऐसी गतिविधियों अथवा आदतों के शिकार हो जाते हैं जो उनके जीवन को सीधे तौर पर प्रभावित करती हैं। टीनएजर्स के इसी डर को दूर करने के लिए साथिया केंद्र की शुरुआत की जा रही है। साथ ही इन केंद्र में किशोर-किशोरियों का पूरा रिकार्ड गोपनीय रखा जाएगा।

संवाद स्थापित करेंगे एक्सपर्ट

किशोर-किशोरियों को परामर्श, स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करने के लिए किशोर स्वास्थ्य क्लीनिक को साथिया केंद्र में तब्दील किया जा रहा है। यहां एक्सप‌र्ट्स संवाद स्थापित करेंगे। इसके अलावा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात एएनएम और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात कम्युनिटी हेल्थ आफिसर से संपर्क करके भी किशोर स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को हल किया जा सकता है।

नजरअंदाज न करें समस्या

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार किशोरावस्था के दौरान बहुत तरह की समस्याएं परेशान करती हैं। ऐसे में जरूरी है कि पेरेंट्स भी बच्चों की समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करें। उनकी समस्याओं को धैर्यपूर्वक सुनें और उचित सलाह दें। बच्चों की समस्याओं को अक्सर पेरेंट्स नजरंदाज कर देते हैं, जिसकी वजह से बच्चे गलत दिशा में भटक जाते हैं। इसको ध्यान में रखकर शासन की ओर से ये कवायद की गई है। इस संबंध में उचित परामर्श प्रदान करने की व्यवस्था की गई है।

किशोर-किशोरी क्लीनिक को साथिया केंद्र में तब्दील किया जा रहा है। यहां टीनऐज बच्चों की काउंसलिंग की जाएगी। उनकी जो भी समस्याएं होंगी, सभी का निवारण किया जाएगा।

डॉ। राजकुमार, सीएमओ, मेरठ