छह दिसंबर से झारखंड के ख़िलाफ़ मुंबई का मुकाबला है. इस मैच के लिए प्रवीण तांबे को 15 खिलाड़ियों की मुंबई रणजी टीम में शामिल किया गया है.

मूल रूप से लेग ब्रेक गेंदबाज़ तांबे ने इसी साल आईपीएल में अपना जलवा बखूबी दिखाया था और भले ही उन्हें तीन मैचों में केवल एक विकेट मिला हो लेकिन वह बेहद किफ़ायती साबित हुए.

उनकी इसी प्रतिभा को राहुल द्रविड़ ने पहचाना और इसके बाद चैम्पियंस लीग ट्वेंटी-ट्वेंटी टूर्नामेंट में भी उन्हें खेलने का मौक़ा दिया. इस टूर्नामेंट में तांबे एक मैच विनर खिलाड़ी बन कर उभरे.

द्रविड़ की उम्मीद पर खरे

उन्होंने पांच मैचों में 12 विकेट लिए. उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हाइवेल्ड लायंस के ख़िलाफ़ रहा जब उन्होंने 15 रन देकर चार विकेट झटके.

इसके अलावा उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स जैसी मज़बूत टीम के ख़िलाफ़ केवल 10 रन देकर तीन विकेट लिए. इनमें सुरेश रैना, एस बद्रीनाथ और ट्वेंटी-ट्वेंटी के सबसे ख़तरनाक बल्लेबाज़ों में से एक वेस्टइंडीज़ के ड्वेन ब्रावो का विकेट शामिल था.

उनकी घातक गेंदबाज़ी की बदौलत राजस्थान रॉयल्स ने चेन्नई सुपर किंग्स को 14 रन से मात देने में कामयाब हासिल की. इतना ही नहीं प्रवीण तांबे ने अपनी घूमती गेंदों से दिल्ली के फिरोज़शाह कोटला मैदान में चैम्पियंस लीग के फाइनल में मुंबई के ख़िलाफ 19 रन देकर दो विकेट हासिल किए.

जब तांबे अपनी घूमती गेंदों से मुंबई के बल्लेबाज़ों की परीक्षा ले रहे थे तब शायद ही उन्होंने सोचा होगा कि एक दिन मुंबई की ही टीम उन्हें रणजी ट्रॉफी खेलने का अवसर भी देगी. वैसे प्रवीण तांबे ने इस साल मुंबई की कांगा लीग में खेलते हुए छह मैचों में 26 विकेट हासिल किए हैं.

42 में नई शुरुआत

आठ अक्तूबर, 1971 को मुंबई में जन्मे प्रवीण तांबे फिलहाल नवी मुंबई के नेरूल में डीवाई पाटिल स्पोर्ट्स एकैडमी में स्पोर्ट्स डेवलपमेंट ऑफ़िसर हैं.

प्रवीण तांबे ने अभी तक कुल मिलाकर आठ ट्वेंटी-ट्वेंटी मैचों में 13 विकेट लिए हैं और उनके बल्ले से तीन रन निकले हैं. उनके परिवार में माता-पिता, भाई, बहन, पत्नी और 13 वर्षीय बेटा प्रणय तथा छह वर्षीय बेटी परी है.

अब जबकि प्रवीण तांबे की एक नई पारी शुरू हो रही है तो देखना है कि वह कैसा प्रदर्शन करते हैं लेकिन उम्र के इस मोड़ पर ऐसी शुरुआत भी किसी परी कथा से तो कम नही है.

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