नई दिल्ली (रायटर्स)। 24 अप्रैल 1973 को मुंबई में जन्में सचिन तेंदुलकर भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे महान बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। तेंदुलकर का आज 47वां जन्मदिन है। हालांकि सचिन को क्रिकेट छोड़े सालों हो गए मगर उनके फैंस आज भी तेंदुलकर की बैटिंग को याद करते हैं। 16 साल का एक लड़का जब निडर होकर तेज गेंदबाजों के सामने मैदान में उतरा था, तो किसी ने नहीं सोचा था कि वह एक दिन विश्व क्रिकेट पर राज करेगा। मगर सचिन ने यह सपना पूरा किया और करोड़ों भारतीय फैंस की दिलों की धड़कन बनें। आज भी याद है कि जब सचिन के आउट होने पर स्टेडियम खाली हो जाता था। लोग मैच में सिर्फ सचिन को देखने आते थे।

बतौर गेंदबाज टेस्ट में हो गए थे फेल

सचिन के बेहतरीन बल्लेबाज बनने की कहानी शुरु हुई थी, चेन्नई एकेडमी से। जहां पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर डेनिस लिली गेंदबाजों को टेस्ट ले रहे थे। वहां 12-13 साल के सचिन भी टेस्ट देने पहुंचे। सचिन को पहले गेंदबाजी करने का शौक था और तेज गेंदबाज बनना चाहते थे। मगर लिली ने उन्हें टेस्ट में फेल कर दिया। लिली ने कहा तुम गेंदबाज नहीं बन सकते, बल्लेबाजी में हाथ आजमाओ। स्कूल का एक लड़का जो बड़ा क्रिकेटर बनने का सपना देख रहा था, पहले ही रिजेक्शन में उसका दिल टूट गया। मगर सचिन हार नहीं मानने वाले थे, उन्होंने गेंद छोड़ हाथ में बल्ला थामा और निकल पड़े गुरु की तलाश में।

फिर बल्लेबाज बनने का देखा सपना

सचिन की मुलाकात फिर रमाकांत आचरेकर सर से हुई। आचेरकर सर वो हैं, जिन्होंने मुंबई के कई खिलाडिय़ों के टेस्ट करियर को दिशा दी। वो सचिन को रोजाना अपने स्कूटर पर बिठाकर मैच खिलाने ले जाया करते थे। सचिन एक दिन में करीब चार मैच खेलते थे। बल्लेबाजी को लेकर सचिन इतने पागल थे कि, वह अपन दोस्त को गेंद गीली करके फेंकते थे, ताकि सचिन जब शॉट खेले तो उन्हें पता चले कि गेंद बल्ले के बीच में लगी है या नहीं। सालों तक मेहनत करने के बाद 16 साल की उम्र में कर्ली हेयर वाले सचिन को आखिरकार पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेलने का मौका मिला।

डेब्यू मैच में नाक से निकला था खून

तेंदुलकर ने जिस पाक टीम के खिलाफ डेब्यू किया, उसमें वकार यूनुस जैसे धुरंधर गेंदबाज थे। जिनके सामने खड़े होने में बड़े-बड़े बल्लेबाजों के पसीने छूटे। हालांकि सचिन ने निडर होकर क्रीज पर आए और डटकर सामना किया। मगर उस वक्त हेलमेट में सामने की ओर ग्रिल नहीं हुआ करता था जिसके चलते एक गेंद सचिन की नाक पर लगी और खून निकलने लगा। उस दिन के बाद से सचिन ने क्रिकेट पर ऐसा पांव जमाया कि करीब दो दशक तक टीम इंडिया के मुख्य बल्लेबाज बने रहे।

ऐसा है इंटरनेशनल करियर

दो दशक से ज्यादा समय तक भारत के लिए खेलने वाले सचिन के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हैं। 2013 में क्रिकेट को अलविदा कहने वाले सचिन ने 200 टेस्ट खेलकर 53.78 की औसत से 15921 रन बनाए है। इस दौरान उनके बल्ले से 51 शतक और 68 अर्धशतक निकले। वहीं वनडे की बात करें तो, मास्टर ब्लॉस्टर ने 463 मैच खेलकर 44.83 की एवरेज से 18426 रन अपने नाम किए। इसमें 49 शतक और 96 अर्धशतक हैं। हालांकि सचिन ने एक टी-20 इंटरनेशनल भी खेला है जिसमें 10 रन बनाए।

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