कानपुर। भारत के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों में से एक सचिन तेंदुलकर को सोमवार को एक और बड़ी उपलब्धि से नवाजा गया। सचिन तेंदुलकर को 2011 में घर पर विश्व कप जीतने के बाद साथियों ने कंधे पर उठा लिया था। इसे पिछले 20 वर्षों में लॉरेस सर्वश्रेष्ठ खेल का क्षण माना गया। सचिन को जितवाने के लिए भारतीय फैंस ने खूब वोट दिए। बता दें यह सचिन का आखिरी वर्ल्डकप था। इससे पहले तेंदुलकर ने पांच विश्वकप में हिस्सा लिया था मगर कभी जीत नहीं पाए थे।

कोहली ने दी सचिन को बधाई

कोहली ने ट्विटर पर सचिन को अवार्ड मिलने पर बधाई दी है। विराट लिखते हैं, 'सचिन पाजी लॉरेस स्पोर्टिंग मोमेंट अवार्ड जीतने पर बधाई। यह एक बेहतरीन उपलब्धि है, पूरे देश को इस पर गर्व है।' वर्ल्डकप जीतने की यादें ताजा करते हुए सचिन ने अवार्ड मिलने के बाद कहा, 'मेरी यात्रा 1983 में शुरू हुई जब मैं 10 साल का था। भारत ने विश्व कप जीता था। मैं इसका महत्व नहीं समझता था और सिर्फ इसलिए कि हर कोई जश्न मना रहा था, मैं भी पार्टी में शामिल हुआ। लेकिन कहीं न कहीं मुझे पता था कि देश के लिए कुछ खास हुआ है और मैं एक दिन इसका अनुभव करना चाहता था और इस तरह मेरी यात्रा शुरू हुई। यह मेरे जीवन का सबसे गौरवपूर्ण क्षण था, उस ट्रॉफी को पकड़े हुए, जिसका मैंने 22 वर्षों तक पीछा किया, लेकिन मैंने कभी उम्मीद नहीं खोई। मैं अपने देशवासियों की ओर से केवल उस ट्रॉफी को उठा रहा था।"

पांच विश्वकप में हार के बाद मिली थी जीत

2011 विश्व कप से पहले, तेंदुलकर ने पांच टूर्नामेंट (1992,1996,1999,2003 और 2007) खेले थे। हालांकि 2003 में ट्रॉफी जीतने के सबसे करीब थे क्योंकि भारत ने सौरव गांगुली के नेतृत्व में फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल में भारत को हार मिल गई थी। फिर 2007 में, सबसे बड़ा झटका उस समय था जब भारत ने ग्रुप स्टेज में टूर्नामेंट से बाहर कर दिया था। फिर 2011 के टूर्नामेंट में, विश्व कप एशिया में आयोजित किया गया था और भारत सबसे फेवरेट टीम थी। भारत ने सेमीफाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर श्रीलंका के साथ फाइनल खेला और जीत दर्ज की। फाइनल में धोनी द्वारा जीता गया छक्का अब भी भारत के खेल इतिहास के सबसे रोमांचक पलों में से एक के रूप में देखा जाता है। जैसे ही मैच जीतने वाला शॉट मारा गया, तेंदुलकर खुशी से झूम उठे और उनके सपने को पूरा होते देख उनके आंसू निकल आए।

सचिन के नाम सबसे ज्यादा इंटरनेशनल रन

46 वर्षीय तेंदुलकर ने 1989 में 16 साल की उम्र में भारत के लिए पदार्पण किया था। उन्होंने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में कुल 34,357 रन बनाए। अब तक के सबसे महान बल्लेबाजों में से एक तेंदुलकर के पास अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे अधिक रन बनाने का रिकॉर्ड है, जिन्होंने एकदिवसीय मैचों में 18,426 रन और टेस्ट मैचों में 15,921 रन बनाए हैं। वह अब इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में मुंबई इंडियंस फ्रेंचाइजी के मेंटर हैं।

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