नई दिल्ली (आईएएनएस)। यह सबको पता है सचिन तेंदुलकर ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत बतौर मिडिल ऑर्डर बैट्समैन के रूप में की थी। तेंदुलकर को पहली बार ओपनिंग का मौका न्यूजीलैंड में मिला। तब एक मैच में नवजोत सिंह सिद्घू घायल हो गए और टीम में ओपनर की जगह खाली हो गई। तब सचिन ने उस वक्त के कप्तान अजहर से सिद्घू की जगह ओपनिंग करने के लिए पूछा था। इस घटना का जिक्र सचिन ने अपने ऐप 100 एमबी में किया।

सिद्घू की जगह आए थे ओपनिंग में

तेंदुलकर ने कहा, 'जब मैंने होटल छोड़ा था सुबह मुझे नहीं पता था कि मैं बल्लेबाजी करने जा रहा हूं। हम ग्राउंड पर पहुँचे। अजहर और वाडेकर सर ड्रेसिंग रूम में थे। उन्होंने कहा कि सिद्धू अनफिट हैं क्योंकि उनकी गर्दन जकड़ गई है। तो, हम किसे ओपनिंग के लिए भेजे। तब मैंने कहा कि मुझे एक मौका दो। मुझे भरोसा है कि मैं मैदान पर जाकर उन सभी गेंदबाजों के खिलाफ अटैकिंग बैटिंग कर सकता हूं। तब उनकी "पहली प्रतिक्रिया थी कि मैं क्यों खोलना चाहता हूं? लेकिन मुझे भरोसा था कि मैं ऐसा कर सकता हूं। और ऐसा नहीं था कि मैं सिर्फ बातें कर रहा मैं अपने प्रदर्शन से सभी का दिल जीतना चाहता था।'

पहली बार ओपनिंग में हिट

सचिन ने आगे बताया, 'उस वक्त ओपनिंग करना एक अलग बात होती थी। मुझे याद है 1992 विश्वकप में मार्क ग्रेटबैच शुरुआती ओवरों में धीमे खेलते थे। उनका मानना था कि पहले गेंद नई होती है और एक बार घिस जाने के बाद अटैकिंग बल्लेबाजी कर सकते हैं। यानी वह आखिरी 10 ओवरों में तेजी से रन बनाते थे मगर मेरा मानना था कि शुुरआत में 15 ओवरों में अगर तेजी से रन बना लिए, तो पूरी इनिंग में गेंदबाजी टीम दबाव में आ जाती है।' खैर अजहर ने तेंदुलकर की बात मान ली और ओपनिंग के लिए भेजा, बैटिंग में जाते समय तेंदुलकर कप्तान अजहरुद्दीन से कह कर गए, 'अगर वह फेल हो जाते हैं तो दोबारा कभी उनके सामने नहीं आएंगे।' इसके बाद सचिन ने उस मैच में 49 गेंदों में 82 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली। इसमें 15 चौके और दो छक्के शामिल थे। इसके बाद तेंदुलकर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और क्रिेकट जगत के सबसे महान ओपनर बल्लेबाजों में शामिल हुए।

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