शर्मीले इंसान सचिन

यूं तो महान पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर हमेशा से ही एक शर्मीले इंसान के रूप में जाने जाते रहे हैं लेकिन उनका भी एक रूप ऐसा रहा है जिससे शायद ही कोई वाकिफ रहा हो. सचिन ने बुधवार को पुरानी यादों से पर्दे हटाए और उस 'रोमांटिक सचिन' से रूबरू कराया जिसको जानकर शायद आप भी हैरान रह जाएंगे.

पत्नी की हैंडराइटिंग में खो जाते थे

सचिन ने मोबाइल से पहले के उस जमाने को याद किया, जब वह अंजलि को खत लिखते थे और जब उन्हें खत का जवाब मिलता था . तो वह अपनी पत्नी की 'खूबसूरत' हैंडराइटिंग में खो जाया करते थे. तेंदुलकर को अपनी पत्नी के लिए पत्र लिखने से पहले भी मेहनत करनी पड़ती थी. स्टार बल्लेबाज ने यहां हैंडराइटिंग को बढ़ावा देने के कार्यक्रम के दौरान मुस्कराते हुए कहा, 'क्रिकेट गेंद को हिट करना मेरे लिए नैसर्गिक था, लेकिन अंजलि को पत्र लिखते समय मैं यह जांच करता रहता था कि मैं क्या लिख रहा हूं. उन दिनों मोबाइल नहीं हुआ करते थे तथा संचार के एकमात्र साधन लैंडलाइन फोन या पत्र हुआ करते थे. मैंने पत्र लिखने शुरू किए. मैंने अपने माता पिता को पत्र लिखने से शुरुआत की और बाद में कुछ पत्र (पत्नी) अंजलि के लिए भी लिखे.'

और डॉक्टरों जैसी नहीं थी अंजलि राइटिंग

उन्होंने याद किया कि किस तरह से उनके माता पिता ने उन्हें पेन थामना और लिखना सिखाया था. तेंदुलकर ने कहा, 'इसके बाद जब मैं परिवार से दूर रहता था तो मैंने अपने माता पिता और बाद में पत्नी के लिए पत्र लिखने शुरू किये थे.' तेंदुलकर ने कहा कि अमूमन डॉक्टरों की लिखावट साफ सुथरी नहीं होती, लेकिन पेशे से चिकित्सक अंजलि इस मामले में अपवाद थीं. उन्होंने कहा, 'उनकी लिखावट बहुत सुंदर है. उसे देखकर कोई भी प्रेरित हो सकता है.' और सबसे खराब लिखावट किसकी थी, उन्होंने कहा, 'आप अमूमन सबसे अच्छी चीजों पर ध्यान देते हैं.' तेंदुलकर दायें हाथ के बल्लेबाज हैं, लेकिन लिखने के लिए अपने बायें हाथ का इस्तेमाल करते हैं. संन्यास के बाद की जिंदगी के बारे में तेंदुलकर ने कहा, 'जिंदगी खूबसूरत है. मुझे अपने बच्चों के साथ समय बिताने का पर्याप्त समय मिल रहा है. मैं अब अधिक नहीं खेलता. कभी कभार अपने बेटे के साथ खेल लेता हूं.'

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