एक भारतीय के तौर पर हम यह नहीं समझ पाए है कि भारत की आधुनिक वास्तुकला किससे संबंध रखती है। हम बस पश्चिम की नकल करते हैं। आपके विचार से भारत की आधुनिक वास्तुकला कैसी होनी चाहिए?

सिर्फ वास्तुकला की ही नहीं, हम बस हर चीज की नकल करते हैं। मैं देखता हूं कि भारत में तमामों औरतों ने अपने बाल सुनहरे कर लिए हैं। आपके बालों का रंग चाहे जो भी हो, इससे मुझे कोई समस्या नहीं है। आप उन्हें जैसे चाहें रंगसकते हैं, लेकिन ऐसा आपको किसी दूसरे की नकल के रूप में नहीं करना चाहिए। हालांकि वे हमें छोड़कर सत्तर साल पहले चले गए, लेकिन हमारे दिमाग में वे अब भी मौजूद हैं। आपके बालों का रंग कोई मुद्दा नहीं है, लेकिन आपको ऐसा इसलिए नहीं करना चाहिए क्योंकि आप सोचते हैं कि कोई रंग आपके रंग से बेहतर है- यह रंगभेद है। नि:संदेह यह विवशता वास्तुकला में भी आ गई है। अगर आप प्राचीन भारत पर नजर डालें, कितना उत्तम सौंदर्यबोध था। इसका एक पहलू ज्यामिति है। भौतिक दुनिया में, सबसे महत्वपूर्ण पहलू है ज्यामिति की परिपूर्णता। सूर्य के चारों ओर सारे ग्रह इसलिए नहीं घूम रहे हैं क्योंकि वे आपस में स्टील के तार से बंधे हैं। यह ज्यामिति की परिपूर्णता है जो उन्हें अपने स्थान पर कायम रखती है। अगर इस सौर मंडल में ज्यामिति खत्म हो जाती है तो वही उसका अंत बन जाएगा। ये सभी इधर-उधर उड़ जाएंगे। पूरा योग विज्ञान - शारीरिक स्तर पर- बस अपनी ज्यामिति को ब्रह्माण्डीय ज्यामिति के साथ तालमेल में लाने से संबंध रखता है, ताकि एक मुकाम पर आपके और ब्रह्माण्ड के बीच में कोई अंतर न रह जाए।

आप हर चीज को खुद की तरह अनुभव करें, सिर्फ इसलिए क्योंकि आपने एक खास स्तर की ज्यामितिक परिपूर्णता हासिल कर ली है। यह बस आपके शारीरिक संरचना में ही नहीं है। अपनी रासायनिक और ऊर्जा संरचना में भी आप उस विशाल ज्यामिति के साथ तालमेल में आ जाते हैं, ताकि आप और वह विशाल घटना बस एक जैसा महसूस करते हैं क्योंकि वे ठीक से तालमेल में हैं। हम जो आवास और उपयोगी ढांचे बनाते हैं, वास्तुकला उससे संबंध रखती है। किसी तरह से, बाकी पूरी सृष्टि में उनका अपना उचित स्थान होना चाहिए। मेरे विचार से आज हमने यह पूरी तरह से सिर्फ इसलिए खो दिया है क्योंकि निर्माण सामग्री के साथ हमारे पास एक खास आजादी आ गई है। एक बार जब स्टील औार कंक्रीट चलन में आए, उस सामग्री की मजबूती के कारण हमने सोचा कि हम जैसे चाहें इमारतें बना सकते हबस ताकत के बल पर चीजें करनाउपयोगिता की दृष्टि से तो ठीक है, लेकिन अगर आप हर चीज उसी तरह करते हैं, आपका जीवन भद्दा हो जाएगा। यह सिर्फ इमारतों के संबंध में ही नहीं है, आपका जीवन इसलिए भद्दा होगा क्योंकि आप चीजें जबरदस्ती कर रहे हैं। हमारी वास्तुकला ने यह रूप सिर्फ इसलिए ले लिया है क्योंकि हमने ऐसी चीजें खोज ली हैं जिनसे हम बेतुके आकार बना लेते हैं और उनको खड़ा भी रख सकते हैं। जो चीज ज्यामिति की दृष्टि से खड़े रहने लायक नहीं है, वह भी सिर्फ सामग्री की मजबूती के कारण खड़ी हुई है। अगर हम नई सामग्रियों को खोजने के जोश को लगाम दें, और दुनिया में अधिक समझदारी की ज्यामिति की ओर बढ़ें, तो आप देखेंगे कि लोग काफी बेहतर महसूस करेंगे। अगर लोग ऐसी इमारतों में रहते हैं, तो वे शारीरिक और मानसिक तौर पर अधिक स्वस्थ होंगे और इसके तमामों दूसरे फायदे भी होंगे। सबसे बढ़कर, आप अपने आस-पास हर चीज के लिए न्यूनतम बाधा उत्पन्न करेंगे।

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मैं आलसीपन और हर चीज को टालने से कैसे छुटकारा पाऊं?

अगर आप कोई चीज टाल रहे हैं तो जाहिर है कि आप एक ऐसी चीज कर रहे हैं जो आप करना नहीं चाहते। अगर वह ऐसी चीज होती जो आप वाकई करना चाहते, तो मुझे बताइए, क्या आप उसे टालना चाहेंगे या उसे और पहले करना चाहेंगे? नि:संदेह आप उसे तुरंत करेंगे। क्या आपने गौर किया है, अगर कोई किसी ऐसे व्यक्ति का इंतजार कर रहा है, जिससे वह जल्दी से जल्दी मिलना चाहता है, तो वह दस मिनट में ही अपनी घड़ी पच्चीस बार देखेगा। क्यों? क्योंकि वह इसे शीघ्र अति शीघ्र करना चाहता है। आप चीजें टालना चाहते हैं क्योंकि आप कोई ऐसी चीज कर रहे हैं जो आप करना नहीं चाहते। आप ऐसी चीज क्यों कर रहे हैं जो आप नहीं करना चाहते? अगर आप इसे सिर्फ इसलिए कर रहे हैं क्योंकि आपको इससे कुछ प्राप्त होगा, तो मैं आपको बता दूं, इस जीवन में प्राप्त करने के लिए वाकई कुछ नहीं है। आपने इस जीवन को या तो एक गहन और तीव्र तरीके से जिया या आपने नहीं जिया। अंत में आपको क्या मिलेगा? वे या तो आपको दफना देंगे, आपको जला देंगे या आपको जानवरों के आगे डाल देंगे। यह इस पर निर्भर करता है कि आपका संबंध किस संस्कृति से है। या आप सोचते हैं कि वे आपको आखिर में एक इनाम देंगे? अंत में कुछ नहीं होगा। यही बात मायने रखती है कि आपने जीवन प्रक्रिया को कितने शानदार तरीके से जिया है। तो, आपको पता लगाना चाहिए कि वह क्या है जो आप वाकई करना चाहते हैं? अगर आपको वह एक चीज मिल जाती है, तो आप हमेशा हर चीज को और पहले करना चाहेंगे, आप चीजों को टालना नहीं चाहेंगे।

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