JAMSHEDPUR: मानगो के आजादनगर थाना क्षेत्र के चेपा पुल पर कुछ अराजकतत्वों ने एक साधू राजेश नाथ की पिटाई कर दी। दुकानदारों ने साधू को लोगों के चंगुल से छुड़ाया और आजादनगर थाने पहुंचाया। पुलिस ने साधू को टाटानगर रेलवे स्टेशन ले जाकर ट्रेन में बैठा कर कामाख्या भेज दिया है।

उत्तरप्रदेश के औरैया जिले के गोरखाकाटा थाना क्षेत्र के दासपुर गांव का रहने वाले साधू राजेश नाथ अपनी मां सूनश्री देवी, भाई जसवीर नाथ और चाचा के साथ तीर्थयात्रा के लिए असम के कामाख्या जा रहे थे। पैसा कम पड़ने पर राजेश नाथ अपने परिवार को टाटानगर रेलवे स्टेशन पर छोड़ कर भिक्षाटन के लिए जमशेदपुर में उतर गए थे। यहां भिक्षाटन करते-करते साधू मानगो पहुंचे। यहां से न्यू पुरुलिया रोड होते हुए चेपा पुल पहुंच गए। चेपापुल के पास कुछ बच्चे खेल रहे थे और राजेश नाथ भिक्षा मांगने के बाद वहीं दुकान पर खड़े हो गए।

दुकानदारों ने साधू को भीड़ से बचाया

कुछ युवकों ने अफवाह उड़ा दी कि ये साधू बच्चा चोर है। इस पर वहां कई लोग एकत्र हो गए और साधू को पकड़ कर पीटने लगे। हंगामा बढ़ते ही राशिद समेत वहां के अन्य दुकानदार मौके पर पहुंचे और साधू को भीड़ के चंगुल से बचाया। दुकानदारों ने मारपीट कर रहे लोगों को डांटा भी। दुकानदार साधू को थाने ले गए।

थाने पर जमा होने लगी थी भीड़

आजादनगर में बच्चा चोर के आने की अफवाह फैल गई थी। साधू के थाना पहुंचने के बाद वहां लोग बच्चा चोर को देखने के लिए पहुंचने लगे थे। किसी तरह का कोई बवाल नहीं हो इसलिए पुलिस ने पूछताछ करने के बाद साधू को जल्द ही थाने से हटाना ठीक समझा।

थाना प्रभारी ने साधू को ट्रेन पर बैठाया

थाना प्रभारी ने थाने पर साधू से पूछताछ की। साधू ने अपना आधार कार्ड पुलिस को दिखा कर बताया कि वो कामाख्या मंदिर जा रहा है। पूछताछ करने के बाद थाना प्रभारी साधू को लेकर रेलवे स्टेशन पहुंचे और ट्रेन में बैठा कर असम रवाना कर दिया।

मंगलवार की शाम जम्मूतवी से आए थे साधू

साधू राजेश नाथ ने पुलिस को बताया कि वो मंगलवार की शाम जम्मूतवी एक्सप्रेस से टाटानगर आए थे। वो कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन से ट्रेन पर सवार हुए थे। रात टाटानगर रेलवे स्टेशन पर गुजारी। यहां से उन्हें असम के लिए दूसरी ट्रेन पकड़नी थी। पैसा भी कम था। इसलिए वो भिक्षाटन के लिए उतर गया था।