एक साल पहले लिसाड़ी गेट थाने के निर्माण के लिए ली थी उधार की ईंट

उधार के रूपये मांगने पर थानेदार ने दी मुकदमा दर्ज करने की धमकी

एसएसपी ने सीओ मवाना को सौंपी मामले की जांच

Meerut। लिसाड़ी गेट थाने के पूर्व एसओ धर्मेद्र सिंह को उधार की ईटों से थाने का निर्माण कराना भारी पड़ गया। ईटों के रूपये न देने पर एसएसपी ने आरोपी थानेदार के खिलाफ सीओ मवाना को जांच सौंपते हुए दो दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी है।

थानेदार ने नहीं दिए रूपये

बुधवार दोपहर लिसाड़ी गेट के खुशहाल नगर निवासी ठेकेदार आसिफ पुत्र इस्लामुद्दीन अपने परिजनों के साथ एसएसपी ऑफिस पहुंचा। उसने आरोप लगाया कि एक साल पहले पूर्व एसओ लिसाड़ी गेट धर्मेद्र सिंह ने थाना लिसाड़ी गेट के निर्माण के लिए उससे 5000 हजार ईंट दिलाने की बात कही थी। उसने अपनी गारंटी पर कल्याणपुर निवासी इम्तियाज प्रधान के भट्टे से ईंट थाने में भिजवा दी थी। थानेदार धर्मेद्र सिंह ने 15 से 20 दिनों में ईंटों के रूपये देने की बात कही थी। आसिफ ने कहा कि वह एक साल से चक्कर काट रहा है लेकिन थानेदार रूपयों का भुगतान नहीं कर रहा।

धमकी देने का आरोप

फिलहाल धर्मेद्र हस्तिनापुर थाने का इंचार्ज है। धमर्ेंद्र सिंह ने आसिफ को 25 जून को भुगतान करने का आश्वासन दिया था। आसिफ जब 26 जून को हस्तिनापुर थाने पहुंचा तो धर्मेद्र ने उसे फर्जी मुकदमे में जेल भेजने की धमकी दे डाली। एसएसपी राजेश कुमार पांडेय का कहना है कि अगर थानेदार जांच में दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

आसिफ ने अपनी इच्छा से थाने में ईटें मंगवाई थीं और उसके बाद उसने कभी पैसों को लेकर जिक्र नहीं किया, जब मेरा ट्रंासफर क्राइम ब्रांच में हो गया था, जब से वह ईटों के पैसों की मांग कर रहा है, जबकि मैनें उससे ईंटे मंगवाई ही नहीं थीं।

धर्मेद्र सिंह, एसओ हस्तिनापुर