यूपी से रेलवे की हार के बाद उन्होंने दी थी मजबूत टीम की सौगात

एनईआर में 14 साल तक नौकरी करने के बाद वे 1994 में ज्वाइन किया डीएलडब्ल्यू

VARANASI

इंडियन हॉकी टीम से अलविदा कहने के बाद वह रेलवे से जुड़े। उन्होंने रेलवे को एक मजबूत टीम भी दी। पूर्व इंटरनेशनल प्लेयर नागेंद्र सिंह ने बताया कि साल क्98ब् में नई दिल्ली के नेशनल स्टेडियम में उत्तर प्रदेश और रेलवे के बीच राष्ट्रीय हॉकी टूर्नामेंट में फाइनल खेला जा रहा था। उत्तर प्रदेश ने रेलवे को हरा दिया था। रेलवे की इस हार मो। शाहिद को झकझोर दिया। इसके बाद उन्होंने कई उभरते हुए प्लेयर्स को जोड़ा और उसके बाद नेशनल लेवल की हॉकी टीम तैयारी की जिसका कोई मुकाबला नहीं रहा।

एनईआर से शुरू की नौकरी

पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल में क्980 में हित निरीक्षक के पद से मो। शाहिद ने अपनी नौकरी की शुरुआत की। एनईआर में क्ब् साल तक नौकरी करने के बाद वे क्99ब् में डीरेका में क्रीड़ाधिकारी पद पर चले गए। अंतिम समय वे वरिष्ठ क्रीड़ाधिकारी पद पर कार्यरत थे।

गीत और गजल के थे शौकीन

फुरसत के पल में मो। शाहिद मो। रफी के गाने सुनते और गुनगुनाते थे। गुलाम अली की शायरी के भी दीवाने थे। वह अपने खास मित्रों के साथ जुड़ी महफिल में खुद ही रफी के गाने गाते थे और गुलाम अली की गजल सुनाते थे। पूर्व रणजी क्रिकेटर अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि शाहिद भाई अपने से मिलने वालों को बिना दावत दिये जाने नहीं देते थे।

बनारस ने किया था शाही स्वागत

मास्को ओलंपिक में भारत को हॉकी में गोल्ड मेडल दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मो। शाहिद जब अपने बनारस आए तो उनका शाही स्वागत हुआ। उस वक्त को याद करते हुए कई पुराने खिलाडि़यों ने बताया कि शाहिद के अर्दली बाजार का घर छोटा था, उनको देखने और मिलने वालों को काफी देर तक इंतजार करना पड़ा। क्8 साल के पतले-दुलबे शाहिद की एक झलक पाने के लिए सभी बेताब थे। पूरे शहर में उनका धूमधाम से उनका जुलुस निकाला गया। कभी स्थानों पर लोगों ने उनकास्वागत किया।

बनारस को लगा झटका

बनारस में चाहे वह हॉकी का खेल छात्रावास हो या डा। भीमराव अंबेडकर क्रीड़ा संकुल बड़ा लालपुर में लगा एस्ट्रो टर्फ। इनको यह स्थापित करने में मुहम्मद शाहिद का बड़ा योगदान था। उनके चले जाने से लखनऊ और दिल्ली में वाराणसी की हॉकी के बारे में बताने वाला अब कोई नहीं रहा।

डीएलडब्ल्यू में शोक

डीएलडब्ल्यू ने अपने चहेते स्पो‌र्ट्स ऑफिसर को खो दिया। मो। शाहिद के इंतकाल पर बुधवार को डीएलडब्ल्यू में शोक सभा कर श्रद्धांजली दी गयी। खेलकूद संघ के अध्यक्ष और मुख्य यांत्रिक इंजीनियर अशोक कुमार सिंह की मौजूदगी में क्रीडा महासचिव संजय कटियार ने डीरेका में पद्मश्री मो। शाहिद की जिन्दगी और हॉकी के योगदान को याद किया।

सपा पार्षदों में शोक

हॉकी के शहंशाह मो। शाहिद के निधन पर सपा पार्षद दल के नेता विजय जायसवाल की अध्यक्षता में निगम सपा कक्ष में शोक सभा की गयी। इस दौरान दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजली दी। विजय जायसवाल ने कहा मो। शाहिद ने देश और बनारस का नाम अपने खेल कौशल से बढ़ाया जिसके लिए देश हमेशा उन्हें याद रखेगा। इस दौरान शंकर विशनानी, वरुण सिंह, अवनीश सिंह मुन्ना, प्रमोद राय, रविकांत विश्वकर्मा, आरिफ राजू, दीना गुप्ता, रामशरण बिन्द, भैयालाल यादव, मो। शमीम अम्बर, दिनेश प्रजापति, शमीम अन्सारी, बिना सिंह, पूनम विश्वकर्मा मौजूद रहे।

सेंट्रल बार में हुई शोक सभा

मो। शाहिद के निधन पर सेंट्रल बार एसोसिएशन के सभागार में भी शोक सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान अधिवक्ताओं ने देश के लिए मो। शाहिद के योगदान को बताया। इसके साथ ही वीवेक एकेडमी की ओर से मो। शाहिद के निधन पर शोक सभा कर संवेदना व्यक्त की गयी।

क्षेत्रीय क्रीडा अधिकारी भगवान राय की ओर से पद्मश्री मो। शाहिद के निधन पर शोक व्यक्त किया। उधर, डीएवी पीजी कालेज की ओर से मो। शाहिद के निधन पर शोक सभा की गयी।