-समय पर जीएसटी फाइल न करने वाले व्यापारियों को लगेगा झटका

-जीएसटी काउंसिल ने व्यापारियों पर निकाली करोड़ों की देनदारी

-20 हजार व्यापारियों को भेजी गई नोटिस

जीएसटी में रजिस्टर्ड जिन व्यापारियों ने तय समय पर जीएसटी-3बी रिटर्न फाइल नहीं किया है या लेट फीस के साथ भी रिटर्न भर दिया है उन्हें झटका लगने वाला है। सेल टैक्स डिपार्टमेंट ऐसे व्यापारियों से लेट फाइलिंग का इंट्रेस्ट वसूलने जा रहा है। इसके लिए ऐसे व्यापारियों को विभाग की ओर से नोटिस भेजी जा रही है। डिपार्टमेंट की मानें तो अभी तक करीब 20 हजार से ज्यादा व्यापारियों को नोटिस भेजा गया है, जिसमें लेट फीस के साथ इंटरेस्ट भी मांगा गया है। बनारस जोन में 20 हजार व्यापारियों को दो करोड़ से अधिक के इंट्रेस्ट की नोटिस भेजी गई है।

लेट फीस पर इंट्रेस्ट

जीएसटी लागू होने के बाद रिटर्न फाइल भरते समय लेट फीस कंपल्सरी जमा करना होता है। लेकिन इंट्रेस्ट नहीं लगाया गया था। वहीं जानकारों का कहना है कि लेट फीस जमा करने पर इंट्रेस्ट देना कंपल्सरी भले ही नहीं था। लेकिन जीएसटी नियम में इस बात का जिक्र है कि देर से रिटर्न जमा करने पर सालाना 18 परसेंट इंट्रेस्ट देना होगा। इसके लिए फार्म में इसका एक कॉलम बना हुआ है। कुछ व्यापारियों के पास पांच से सात लाख रुपए तक की नोटिस भेजी गई है।

जारी हुआ था नोटिफिकेशन

इस प्रकरण में जीएसटी काउंसिल ने एक फरवरी 2019 को नोटिफिकेशन जारी किया था कि टैक्स क्रेडिट से जीएसटी चुकाने पर इंटरेस्ट नहीं लगेगा, लेकिन अब तक यह नियम लागू नहीं किया गया है। नतीजतन व्यापारियों पर लगातार देनदारियां बढ़ती जा रही है। सीबीआईटीसी के अनुसार देश भर में व्यापारियों पर देर से टैक्स जमा करने पर 46 हजार करोड़ रुपए ब्याज की देनदारी है।

अगर व्यापारी के पास टैक्स क्रेडिट है इसमें जमा राशि सरकार के पास ही जमा मानी जाएगी। जिस पर सरकार को ब्याज भी मिल ही रहा है। ऐसे में जीएसटी-3बी रिटर्न लेट फाइल पर इंट्रेस्ट लगाना ठीक नहीं है।

राजीव गुप्ता, बिजनेसमैन

जिन व्यापारियों ने समय से रिटर्न जीएसटी-3बी नहीं भरा है या लेट फीस नहीं जमा किया है ऐसे व्यापारियों के लिए 18 परसेंट वार्षिक इंट्रेस्ट जमा करने का प्रावधान है। अभी तक हजारों को नोटिस भेजी गई है।

अजय उपाध्याय, असिस्टेंट कमिश्नर