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PATNA : संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा 2018 का परिणाम घोषित कर दिया है. इस बार भी बिहार के सपूतों ने बाजी मारी है. पटना की सलोनी खेमका ने 27वां रैंक लाकर बिहार का मान बढ़ाया है. बिहार के जमुई जिले के सिकंदरा निवासी सुमित कुमार को 53वीं रैंक, नालंदा जिले के सौरभ सुमन यादव ने 55वां रैंक मिला है. पटना के ऋषभ मंडल को 58 रैंक मिला है. वे पटना के दीघा के रहने वाले हैं. इसी तरह बेगूसराय जिले के रामदीरी नकटी टोला निवासी गौरव गुंजन को 262 रैंक तो पटना के बड़े उद्योगपति कमल नोपनी के बेटे आयुष नोपनी को 151वी रैंक मिली है. वैशाली के रंजीत कुमार को 594वीं रैंक मिली है. जानकारी के मुताबिक पटना से इस बार ज्यादा कैंडीडेट्स पास हुए हैं.

 

पत्‌नी प्रेरणा की प्रेरणा रंग लाई : लक्ष्मण प्रसाद सिंह

महेन्द्रू मोहल्ले के रहने वाले सुरेन्द्र प्रसाद सिंह के पुत्र लक्ष्मण प्रसाद सिंह ने पहली बार में ही यूपीएससी के सिविल सर्विसेज की प्रतियोगिता परीक्षा में 362 वीं रैंक लाने में सफल रहे. वे बिहार के नालंदा जिले के सरमेरा थाना क्षेत्र के इसुआ गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता सुरेन्द्र सिंह झारखंड में जल संसाधन विभाग में कार्यपालक अभियंता हैं. जबकि मां माधूरी देवी घरेलू महिला हैं. लक्ष्मण ने बताया कि उसकी प्रेरणा उसकी पत्‌नी प्रेरणा है जिसने 2017 में ही यूपीएससी क्वालिफाई किया था. अभी वह झारखंड कैडर में तैनात है. लक्ष्मण ने स्कूल की पढ़ाई नेतरहाट विद्यालय से की थी. वेल्लोर से इंजीनिय¨रग की डिग्री लेने के बाद दो साल तक मल्टी नेशनल कंपनी में साफ्टवेयर इंजीनियर भी रहे.

 

असफलताएं राह दिखाती है : आयुष

दृढ़ संकल्प के साथ निरंतर अध्ययन ही सफलता का मुख्य आधार है. छोटी-छोटी असफलताओं से घबराएं नहीं, उन पर काबू पाकर आगे बढ़ें तो निश्चित रूप से सफलता मिलेगी. ये कहना है कि संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले आयुष नोपानी का. आयुष को परीक्षा में 151 वीं रैंक मिली है. आयुष का कहना है कि स्नातक करने के बाद आइएस की तैयारी शुरू की थी. आयुष ने दसवीं की परीक्षा डीपीएस एवं बारहवीं की परीक्षा संत माइकल हाईस्कूल से पास की. इसके बाद दिल्ली के हंसराज कॉलेज से स्नातक किया. उसके बाद आइएएस की तैयारी में जुट गया. आयुष के पिता कमल नोपानी राजधानी के प्रसिद्ध उद्योगपति एवं समाजसेवी हैं. उनकी मां सरिता नोपानी गृहणी है.

 

ऋषभ मंडल ने कहा, कड़ी मेहनत ही सफलता का मूल मंत्र

पहले प्रयास में मायूसी हाथ लगी थी. प्रीलिम्स भी नहीं निकल पाया था. उस दौरान अपनी कमजोरियों को चिह्नित कर जुट गया. रिजल्ट आज सबके सामने है. यह कहना है 58वां स्थान हासिल करने वाले दीघा, पटना के ऋ षभ मंडल का. बैंक कर्मी अजय कुमार मंडल व निजी स्कूल में शिक्षिका आभा मंडल के दो पुत्रों में ऋ षभ छोटे हैं. उन्होंने बताया कि गाजियाबाद के एकेटीयू से बीटेक करने के दौरान ही यूपीएससी की तैयारी का मन बना लिया था. तृतीय वर्ष से ही तैयारी में जुट गए थे. सफलता का मूल मंत्र कड़ी मेहनत को बताया. उन्होंने पहला विकल्प आइएएस दिया है. ऋ षभ ने 10वीं की पढ़ाई दीघा के संत पॉल स्कूल से 2010 में पूरी की.