अंकल सैम के फार्मूलों का चला जादू

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Allahabad:अरे भई इतनी भीड़ क्यों हैअंकल सैम आए हैंकौन अंकल सैम? अरे वही डॉ। सैम पित्रोदा जो हमारे देश में संचार क्रांति के जनक हैंअच्छा, तो चलो मिलते हैं उनसे यारकुछ तो सीखने को मिलेगा। वेडनेसडे को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के सीनेट हाल में डॉ। सैम पित्रोदा के पहुंचने पर स्टूडेंट्स ने ऐसी ही उत्सुकता दिखाई। डॉ। सैम को सुनने के लिए बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स जमा हो गए थे और जब वे मंच पर आए तो उन्हें देखने के लिए सभी आतुर नजर आए। अंकल सैम ने भी स्टूडेंट्स को निराश नहीं किया और उन्हें सफलता के कई फार्मूले बताए.

पांच बातों को बताया जरूरी 
प्राइम मिनिस्टर के एडवाइजर और चेयरमैन आफ नेशनल इनोवेशन काउंसिल डॉ। सैम पित्रोदा ने स्टूडेंट्स को मोटिवेट करते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी की तरक्की के लिए दो बातें बेहद जरूरी हैं। पहली तो महीने में एक बार किसी एमीनेंट पर्सनैलिटी का व्याख्यान जरूर होना चाहिए और दूसरा इसे स्टेट व नेशनल लेवल पर विडियोग्राफी या रिकार्डिंग के जरिए प्रचारित करना चाहिए। ठीक ऐसा ही दूसरी जगहों से लेकर भी करना चाहिए। जिससे स्टूडेंट्स का बहुमुखी विकास होगा। उन्होंने किसी भी कन्ट्री के डेवलपमेंट के लिए पांच बातों पर जोर दिया। एग्रीकल्चर प्रोडक्शन, स्पेस टेक्नोलाजी, यूजफुल एप्लीकेशन ऑफ एटोमिक एनर्जी बायोटेक्नोलाजी नैनोटेक्नोलाजी, इन्फार्मेशन एंड कम्यूनिकेशन टेक्नोलाजी और मिल्क प्रोडक्शन को उन्होंने जरूरी बताया. 

Students से किया interaction 

डॉ। पित्रोदा ने स्टूडेंट्स से इंटरैक्शन भी किया और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए उन्हें सोसाइटी के डेवलपमेंट के लिए इन्फार्मेशन और कम्यूनिकेशन टेक्नोलाजी को जरूरी बताया। उन्होंने स्टूडेंट्स के कई सिम्पल क्वेश्चंस पूछने पर कहा कि अगर वे एक ग्रुप बनाकर डिस्कशन करें तो उन्हें पहले ही इन सवालों के जवाब आसानी से मिल सकते थे। उन्होंने कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती और यह हम पर डिपेंड करता है कि हम कठिनाइयों को किस तरह से लेते हैं. 
पांच बातों को बताया जरूरी 

प्राइम मिनिस्टर के एडवाइजर और चेयरमैन आफ नेशनल इनोवेशन काउंसिल डॉ। सैम पित्रोदा ने स्टूडेंट्स को मोटिवेट करते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी की तरक्की के लिए दो बातें बेहद जरूरी हैं। पहली तो महीने में एक बार किसी एमीनेंट पर्सनैलिटी का व्याख्यान जरूर होना चाहिए और दूसरा इसे स्टेट व नेशनल लेवल पर विडियोग्राफी या रिकार्डिंग के जरिए प्रचारित करना चाहिए। ठीक ऐसा ही दूसरी जगहों से लेकर भी करना चाहिए। जिससे स्टूडेंट्स का बहुमुखी विकास होगा। उन्होंने किसी भी कन्ट्री के डेवलपमेंट के लिए पांच बातों पर जोर दिया। एग्रीकल्चर प्रोडक्शन, स्पेस टेक्नोलाजी, यूजफुल एप्लीकेशन ऑफ एटोमिक एनर्जी बायोटेक्नोलाजी नैनोटेक्नोलाजी, इन्फार्मेशन एंड कम्यूनिकेशन टेक्नोलाजी और मिल्क प्रोडक्शन को उन्होंने जरूरी बताया. 

Students से किया interaction 

डॉ। पित्रोदा ने स्टूडेंट्स से इंटरैक्शन भी किया और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए उन्हें सोसाइटी के डेवलपमेंट के लिए इन्फार्मेशन और कम्यूनिकेशन टेक्नोलाजी को जरूरी बताया। उन्होंने स्टूडेंट्स के कई सिम्पल क्वेश्चंस पूछने पर कहा कि अगर वे एक ग्रुप बनाकर डिस्कशन करें तो उन्हें पहले ही इन सवालों के जवाब आसानी से मिल सकते थे। उन्होंने कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती और यह हम पर डिपेंड करता है कि हम कठिनाइयों को किस तरह से लेते हैं.