ग्राहक और माफिया के बीच लेन-देन लिए हो रहा ऑनलाइन यूपीआई ऐप का इस्तेमाल

Meerut। हथियारों की तस्करी के धंधे में पकड़े जाने और तस्करों के पैसे लेकर गायब हो जाने के डर से अब माफियाओं (हथियार फैक्ट्री के मालिक) ने तस्करी में कैश और भागदौड़ का रिवाज खत्म कर धंधे को ऑनलाइन कर दिया है। सूत्र बताते हैं कि अब माफिया और ग्राहक के बीच पेमेंट से लेकर हथियारों के सैंपल और डिटेल भेजने का काम भी ऑनलाइन ही किया जा रहा है। यही नहीं तस्कर को हथियारों की तस्करी के बदले कमीशन भी अब ऑनलाइन ही दिया जाता है।

ऑनलाइन सैंपल और डिटेल

सूत्र बताते हैं कि तस्कर ग्राहकों को खोजता है और ग्राहक पक्का हो जाने के बाद तस्कर माफिया के नंबर पर ग्राहक का व्हाट्सऐप नंबर शेयर करता है। जिसके बाद माफिया व्हाट्सऐप पर ग्राहक को हथियारों के सैंपल फोटो और डिटेलिंग समेत उनकी क्वालिटी बताता है।

50 परसेंट एडवांस

डील पक जाने पर ग्राहक माफिया को किसी भी ऑनलाइन यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस ऐप के माध्यम से 50 परसेंट पेमेंट कर देता है। जिसके बाद माफिया की तरफ से ग्राहक को हथियार डिलीवर करने के लिए तस्कर को हरी झंडी मिल जाती है।

तस्कर रखता है जमानत

माफिया से हथियार उठाने की एवज में तस्कर कुछ जमानत के तौर पर रखवाता है। जिसके बाद तस्कर हथियारों को मुफीद समयानुसार ग्राहक तक पहुंचा देता है। ग्राहक हथियारों की खेप चेक कर बाकी बची 50 परसेंट रकम माफिया को ऑनलाइन ट्रांसफर कर देता है। माफिया को पूरा पेमेंट मिलते ही वह तस्कर को उसका कमीशन ऑनलाइन ट्रांसफर कर देता है।

तमंचे का रेट

तस्करी के बाजार हर हथियार अलग-अलग रेट है।

तमंचा- 2 से 5 हजार रूपये

पीतल पचपेड़ा- 3500

मुंगेरी पिस्टल (6 गोली)- 5 से 15000 रूपये

मुंगेरी पिस्टल (9 गोली)- 15 से 35 हजार रूपये

मुंगेरी रिवाल्वर (5 गोली)- 30 से 40 हजार

मुंगेरी रिवाल्वर (6 गोली)- 40 से 50 हजार

मेरठी पिस्टल (6 गोली) - 4 से 12 हजार रूपये

मेरठी पिस्टल (9 गोली) - 12 से 17 हजार रूपये

मेरठी रिवाल्वर (5 गोली)- 20 से 30 हजार

मेरठी रिवाल्वर (6 गोली)- 30 से 45 हजार

सजती है हथियारों की मंडी

शहर में अभी भी कुछ जगहों पर दिन ढलते ही हथियारों की मंडी सज जाती है। जहां खुलेआम बोली लगाकर हथियारों की खरीद-फरोख्त की जाती है। जिनमें लिसाड़ी गेट, किठौर, राधना, भूमियापुल, कांच का पुल, लिसाड़ी गेट, किठौर, रार्धना आदि जगह शामिल हैं।

शानिवार से परहेज

सूत्रों के मुताबिक कई माफिया और तस्कर हथियारों की तस्करी के लिए शनिवार के दिन से परहेज करते हैं। उनका मानना है कि उनके ग्राहकों को लोहा सूट नहीं करता।