नई दिल्ली (एएनआई)।संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन की पहली वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए शुक्रवार को विभिन्न राज्यों में विरोध प्रदर्शन आयोजित किए हैं। एसकेएम के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, हजारों किसान दिल्ली के आसपास के विरोध स्थलों पर पहुंचेंगे। एसकेएम ने कहा कि कर्नाटक में, किसानों ने शुक्रवार को विशेष रूप से महत्वपूर्ण राजमार्गों व सड़कों पर आने का फैसला किया है। कर्नाटक के सभी जिलों में लगभग 25 स्थानों पर विरोध प्रदर्शन की योजना है। तमिलनाडु में, एसकेएम ने ट्रेड यूनियनों के साथ संयुक्त रूप से सभी जिला मुख्यालयों में रैलियों की योजना बनाई है। चेन्नई में भी विरोध प्रदर्शन और बैठक होगी।

कई राज्यों की राजधानियों में ट्रैक्टर रैलियों की योजना

रायपुर और रांची जैसे कई राज्यों की राजधानियों में ट्रैक्टर रैलियों की योजना है। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में, 26 नवंबर को विरोध कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। पटना में, फार्म यूनियनों और ट्रेड यूनियनों कलेक्ट्रेट तक एक संयुक्त मार्च करेंगे और एक ज्ञापन सौंपेंगे। इस बीच, हजारों किसान ट्रैक्टर और राशन और अन्य आपूर्ति के साथ दिल्ली के आसपास मोर्चा स्थलों पर पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा के कुछ दिनों बाद, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को जानकारी दी कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की औपचारिकता पूरी कर ली है।

संसद के शीतकालीन सत्र में आवश्यक विधेयक आएगा

पिछले हफ्ते, प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र इस महीने के अंत में शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में आवश्यक विधेयक लाएगा। प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की थी कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए एक नए ढांचे पर काम करने के लिए एक समिति का गठन करेगी। सरकार के तीन विधेयकों के खिलाफ किसान 26 नवंबर, 2020 से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

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