नई दिल्ली (एएनआई)। संयुक्ता किसान मोर्चा द्वारा बुधवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को पत्र लिखकर किसान आंदोलन के दौरान जेलों में बंद निर्दोष किसानों की बिना शर्त रिहाई की मांग की है। इसके अलावा उनके खिलाफ लगाए गए झूठे मामलों को हटाने की मांग की है। पत्र में कहा कि पिछले तीन महीनों से देश के किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ और एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित कुछ अन्य मांगों के लिए विभिन्न तरीकों से और विभिन्न स्तरों पर लड़ रहे हैं। संयुक्ता किसान मोर्चा के नेतृत्व में, पिछले तीन महीनों से, किसान दिल्ली में अनिश्चितकाल के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।दिल्ली की सीमाओं पर किसान मोर्चा के लिए पुलिस की घेराबंदी के नाम पर आम आदमी की बंद सड़कों को खोला जाना चाहिए।

झूठे मामले दर्ज किए गए

किसान आंदोलन के दाैरान सैकड़ों किसानों और आंदोलनकारियों को भारत सरकार और कई राज्य सरकारों द्वारा जेल में डाल दिया गया है और झूठे मामले दर्ज किए गए हैं। संयुक्ता किसान मोर्चा ने आगे कहा देश भर में 'दमन विरोधी दिवस' का अवलोकन करते हुए, हम निम्नलिखित मांगों को जिला और तहसील अधिकारियों के माध्यम से आपके पास भेज रहे हैं। हमें उम्मीद है कि आप इस संबंध में तुरंत कार्रवाई करेंगे।

नोटिस को रद करे

दिल्ली पुलिस, एनआईए और अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा संघर्ष में शामिल किसानों को डराने के लिए भेजे गए नोटिस को तुरंत रोक दिया जाना चाहिए और पहले के नोटिस को रद कर दिया जाना चाहिए। किसान तीन नए अधिनियमित खेत कानूनों के खिलाफ 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं - किसान उपज व्‍यापार एवं वाणिज्‍य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020 , किसानों (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) का मूल्‍य आश्‍वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और आवश्‍यक वस्‍तु (संशोधन) विधेयक, 2020 का विरोध हो रहा है।

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