वैज्ञानिकों का कहना है कि दक्षिण प्रशांत महासागर पर दिखाए गए सैंडी द्वीप का कोई अस्तित्व नहीं है.सिडनी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का कहना है कि जब वो भू-अभियान पर निकले तो उन्हें इस नाम का कोई द्वीप दिखा ही नहीं बल्कि इस जगह पर सिर्फ नीला महासागर ही था. ‘गूगल अर्थ’ पर इस द्वीप को कोरल महासागर में आस्ट्रेलिया और फ्रांस सरकार के न्यू केलिडोनिया के बीच दिखाया गया था.

गायब द्वीप का रहस्य

दरअसल, अक्सर ये होता है कि लोग वैसे भूभाग की तलाश करते हैं जिसका पहले से कोई अस्तित्व नहीं होता लेकिन आस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने इससे ठीक उलट किया. सैंडी द्वीप का अस्तित्व हर जगह दिखाया गया है चाहे वो दुनिया का नक्शा हो, गूगल अर्थ हो या फिर नौसेना का चार्ट.

इस अभियान का हिस्सा रही डॉक्टर मारिआ सेटॉन का कहना है, "सारे वैज्ञानिक वहां ज़मीन की अपेक्षा कर रहे थे, ना कि 1400 मीटर गहरे महासागर की." मारिया कहती हैं, “इस दृश्य ने हमें हैरान कर दिया, जबकि तकरीबन दस सालों से तो हर वैज्ञानिक प्रकाशन में इसका जिक्र देखने को मिलता रहा.”

आस्ट्रेलिया के हाइड्रोग्राफिक सर्विस(जलमाप चित्र सेवा) के मुताबिक, “ये मानवीय भूल का नतीजा हो सकता है जिसे साल दर साल दोहराया गया हो.” बहरहाल, आस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों की इस खोज ने एक सवाल तो खड़ा कर ही दिया है कि आखिर जब किसी द्वीप का अस्तित्व था ही नहीं तो उसे हर नक्शे पर उकेरा कैसे गया?

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