ALLAHABAD: balaji.kesharwani@inext.co.in

बुधवार को दारागंज में खनन माफिया गगन निषाद को टारगेट करते हुए फायरिंग और बमबाजी हुई। यह घटना पुरानी रंजिश में नहीं, बल्कि संगम क्षेत्र में दो परिवारों के बीच चल रही वर्चस्व की लड़ाई और पर डे लाखों रुपये की होने वाली अवैध कमाई को लेकर की गई। इसमें महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के पौत्र अखिलेश त्रिपाठी बिना वजह शिकार हो गए। इस घटना के लिए सिर्फ प्रशासन ही नहीं बल्कि पूरा सिस्टम दोषी है, जिसकी लापरवाही से संगम क्षेत्र में वर्षो से बालू खनन और तहबाजारी जारी है। संगम क्षेत्र में अगर दो परिवारों के बीच वर्चस्व की लड़ाई न होती तो शायद आज ये घटना न होती।

 

यूं ही नहीं चली आ रही वर्चस्व की लड़ाई

हर दिन लाखों की अवैध कमाई कराता है संगम क्षेत्र

बालू खनन और नावों से तह बाजारी को लेकर चल रही, वर्चस्व की लड़ाई

बस नाम के हैं नाव मालिक, रेट तय करते हैं खनन माफिया

 

यहां नाव को बोला जाता है टैक्सी

अरैल में निषाद समुदाय के दो गुट गुलाब महरा और बर्रु निषाद के परिवार के बीच संगम क्षेत्र में बालू खनन और नावों की तहबाजारी से होने वाली आमदनी को लेकर वर्षो से संघर्ष चला आ रहा है। हाईकोर्ट ने बालू खनन पर भले ही रोक लगा रखी है। इसके बाद भी संगम क्षेत्र में खनन पर रोक नहीं लगाई जा सकी है।

बालू खनन के साथ संगम क्षेत्र में चलने वाले नाव अवैध कमाई का सबसे बड़ा जरिया हैं। जहां नाव को कोड वर्ड में टैक्सी बोला जाता है। जिन पर कई दशकों से गुलाब महरा और बर्रु निषाद परिवार का वर्चस्व रहा है। जिस परिवार का सबसे अधिक वर्चस्व होता है, नावों यानी टैक्सी पर उसी का अधिकार होता है। नाव का मालिक नाविक होता है, लेकिन सैलानियों से कितना किराया लेना है और नाविकों को कितना मिलना है, ये इन्हीं दो गुटों में एक गुट निर्धारित करता है।

अवैध कमाई का ये है गणित

- संगम क्षेत्र में करीब दो हजार से अधिक नाव चलती हैं।

- किला से संगम क्षेत्र में आने-जाने का एक नाव का रेट भ्00 रुपए से कम नहीं है।

- अगर ख्000 नाव एक राउंड भी लगाते हैं तो हर दिन का बिजनेस हुआ करीब दस लाख रुपये।

- इस दस लाख रुपये में एक लाख रुपया नाविकों में बंटेगा तो नौ लाख रुपया जिसका वर्चस्व होगा, उसके खाते में जाएगा।

 

पुरोहित से भी ली जाती है तह बाजारी

संगम क्षेत्र में पर डे हजारों यात्री आते हैं। जो यात्री अपने तीर्थ पुरोहित को नहीं जानता है, सीधे नाव पर जाता है और वहां नाविक द्वारा जिस तीर्थ पुरोहित को बुलाया जाता है। उसके द्वारा कराए गए पूजन का जो भी पैसा पुरोहित को दिया जाएगा, उसका ख्भ् प्रतिशत ही पुरोहित को मिलेगा। 7भ् प्रतिशत वर्चस्व वाले व्यक्ति के पास जाएगा।

 

संगम क्षेत्र में इन दिनों गगन निषाद का है दबदबा

गगन निषाद के भाई बर्रु निषाद और भाई की हत्या के मामले में गुलाब महरा का परिवार जेल में है। इसलिए गगन निषाद ही हावी है। गगन के पिता बर्रु निषाद और उसके छोटे भाई की हत्या ख्009 में हुई थी। जिसे गुलाब महरा ग्रुप ने मारा था। घटना के बाद से गुलाब महरा परिवार के बच्चा महरा, अरविंद महरा और पिंटू महरा जेल में है। जिसके बाद गगन निषाद का अरैल से लेकर संगम तक वर्चस्व चल रहा था। गगन का भाई छगन कीडगंज में रहता है, जो इस वर्चस्व की लड़ाई से बिल्कुल अलग है।

 

गगन खत्म तो बर्रु निषाद परिवार का वर्चस्व खत्म

खनन माफिया गगन पूरी तरह से हावी था, जिसे रास्ते से हटाने और संगम क्षेत्र से उसका वर्चस्व खत्म करने के लिए ही गगन निषाद पर हमला किया गया। अगर गगन को कुछ हो जाता है तो संगम क्षेत्र में एक बार फिर महरा ग्रुप का वर्चस्व हो जाएगा।

 

पिता और भाई की हत्या में मुख्य गवाह है गगन निषाद

ख्009 में जब गगन निषाद के पिता और भाई पर हमला हुआ था, उस समय गगन भी मौजूद था। लेकिन किसी तरह अपनी जान बचा कर गगन बच निकला था। उस घटना में गगन निषाद ही मुख्य गवाह था। दोहरे हत्याकांड में अभी भी केस चल रहा है। इसलिए मुख्य गवाह गगन को रास्ते से हटाने के लिए उस पर हमला किया गया, पुलिस के साथ ही सूत्रों द्वारा यही कहा जा रहा है। क्योंकि मुख्य गवाह के खत्म होने के बाद केस कमजोर हो जाएगा और दूसरा ग्रुप जेल से बाहर आ सकता है।

 

प्रशासन की लिस्ट में दो बालू माफिया

पुलिस ने नई लिस्ट में इस बार कैटेगरी वाइस जनपद में आठ प्रकार के माफियाओं की लिस्ट तैयार की है। इस लिस्ट में सबसे ज्यादा संख्या आपराधिक माफियाओं की है। वहीं बालू खनन करने वाले दो माफियाओं का जिक्र है। जिनमें अखिलेश तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी और संजय मिश्रा उर्फ मुन्ना शामिल हैं।

 

खनन के आरोप में सस्पेंड हो चुकी है दो चौकी

क्। बालू के अवैध खनन को शह देने पर पूरी सैदाबाद पुलिस चौकी को ही सस्पेंड कर दिया गया था। अवैध खनन न रोक पाने पर चौकी में तैनात प्रभारी दारोगा समेत चारों सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया गया। वहीं जिलाधिकारी संजय कुमार ने खनन इंस्पेक्टर को भी सस्पेंड कर दिया था।

 

ख्। तहसील दिवस में अवैध खनन की शिकायत पर एसएसपी ने मेजा थाने के कोहड़ार घाट चौकी इंचार्ज कुलदीप तिवारी समेत पूरी पुलिस चौकी के सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया था।