-हर श्रद्धालु की संगम में स्नान की चाहत

-आस्था की आड़ में चलता है जालसाजी, लूट व ठगी का कारोबार

-कभी सीटी बजाकर, कभी लाठी का भय दिखाकर तो कभी डपटकर करना पड़ता है मॉब कंट्रोल

ALLAHABAD: पतित पावनी गंगा, श्यामल यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम। यह जहां श्रद्धा, आस्था और भक्ति का संगम है, वहीं आस्था की आड़ में जालसाजी, लूट व ठगी का कारोबार भी यहां चलता है। इनपर लगाम कसने व मॉब कंट्रोल के लिए खाकी को साम, दाम, दंड व भेद हर जुगत करनी पड़ती है।

मुसीबत से कम नहीं

संगम नोज पर कोई भिखारी नहीं है। ऐसा ही कुछ पुलिस का दावा है। संगम नोज एरिया में भिखारी न पहुंचे इसलिए पुलिस को खास तौर पर एलर्ट किया गया है। लेकिन स्मार्ट भिखारियों की ऐसी टीम भी माघ मेल में एक्टिव है जो बार-बार पुलिस की आंखों में धूल झोंकर वहां पहुंच जाती है। इसमें ज्यादातर छोटी लड़कियां और महिलाएं हैं जो प्लेट लेकर खड़ी हो जाती हैं। संगम नोज पर पुलिस को इन्हें हटाने के लिए बसंत पंचमी स्नान के दिन भी खासी मशक्कत करनी पड़ी।

कमाई का बनाया जरिया

संगम नोज के वॉच टावर के पास कुछ ऐसे लोग भी जमा हो जाते हैं जिन्हें पुलिस वाले न चाहते हुए भगाने पर मजबूर हो जाते हैं। बसंत पंचमी स्नान के मौके पर तीर्थ पुरोहित दान-पुण्य कराने के लिए गाय और बछड़े लेकर वहां खड़े थे। उनके साथ कुछ ऐसे लोगों की फौज जमी थी जो माथे पर टीका लगाकर श्रद्धालुओं को रोककर आशीर्वाद देने में जुटे थे। ये भोले-भाले श्रद्धालुओं से दान के नाम पर पैसे एंठने में लगे थे.ऐसेलोगों पर भी पुलिस को नजर रखनी पड़ती है। इन्हें भी पुलिस कार्रवाई करते हुए दौड़ाकर बार बार किनारे कर रही थी।

इमोशनल अत्याचार

आस्था के बिजनेस के फंडे में इमोशनल अत्याचार भी कम न था। कुछ खास लोगों ने अपने बच्चों को भगवान का मेकअप करा कर उन्हें मैदान में उतार दिया। बच्चों के नाम पर इमोशनल ब्लैकमेल करने की कोशिश हो रही थी। लड़के ही नहीं देवी का रूप धरकर लड़कियां श्रद्धालुओं को जबरदस्ती पकड़ने की कोशिश कर रही थीं। ताकि उनके थाली में लोग पैसे डालें। ऐसे लोगों पर भी पुलिस की नजर थी।

दर्जनों पकड़ी गए उच्चकों

ये तो सामान्य था। इसके साथ असमान्य वह था जो बाहर से आकर श्रद्धालुओं के सामानों को अपना निशाना बना रहे थे। संगम नोज से लेकर हर तरफ फैले टप्पेबाजों ने अपनी मंसूबे को पूरा करने में इस पर्व पर भी लगे रहे। पहले से एलर्ट पुलिस ने सैटरडे को दर्जनों संदिग्ध लोगों को टप्पेबाजी के आरोप में पकड़ा। इसको रोकने के लिए महिला पुलिस के अलावा इस बार महिला आरएएफ फोर्स भी लगाया गया था। ताकि इस धंधे पर रोक लगा सके।