नई दिल्ली (आईएएनएस)। क्रिकेटर से कमेंटेटर बने संजय मांजरेकर का मानना ​​है कि 1990 के दशक के दौरान भारतीय टीम सचिन तेंदुलकर पर बहुत ज्यादा निर्भर थी, जो कि उस समय के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक बन गए थे। सचिन ने पाकिस्तान के खिलाफ 1989 में शुरुआत की और 664 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें 34,000 से अधिक रन बनाए। मांजरेकर ने रविवार को रविचंद्रन अश्विन से बात करते हुए कहा, "उम्र हमेशा एक कारक थी, सिर्फ 17 साल की उम्र में सचिन काफी होनहार थे। 96-97 में तो सचिन अपनी लय पकड़ चुके थे। वह भारत के पहले बल्लेबाज थे जो गेंदबाजों पर हावी हो जाते थे। इससे पहले भारतीय क्रिकेट में डिफेंसिंग माइंडसेट वाले बल्लेबाज ज्यादा थे।' मांजरेकर कहते हैं, उस वक्त सचिन का आउट होना मानों दुर्लभ बात थी। मांजरेकर ने यह बात 1996 विश्व कप में श्रीलंका से भारत की सेमीफाइनल हार के बारे में चर्चा करते हुए कही।

कमेंट्रर की भूमिका को लेकर बोले मांजरेकर
भारत के पूर्व बल्लेबाज ने आगे कहा कि खिलाड़ियों को कमेंटेटर्स को महत्वपूर्ण नहीं मानना ​​चाहिए और इसके बजाय अपने प्रदर्शन पर ध्यान देना चाहिए। चैट सत्र के दौरान, अश्विन ने मांजरेकर से पूछा, " क्या ऐसी संभावना है कि आप कभी-कभी क्रिकेटर के रूप में क्रिकेटरों को आलोचनात्मक नज़र से देखते हैं, क्योंकि आप एक क्रिकेटर के रूप में खुद से क्या उम्मीद करते हैं। जवाब में, मांजरेकर ने कहा, 'अगर मैंने कुछ गलत किया, तो यह इसलिए है क्योंकि मैंने बहुत कठिन प्रयास किया। मैं सच रहने की कोशिश करता हूं, कोई एजेंडा (किसी भी खिलाड़ी के खिलाफ) नहीं है। मैं अपनी सीमाओं को जानता हूं।' बता दें मांजरेकर अक्सर खिलाड़ियों पर तीखे कमेंट के लिए जाने जाते हैं। कई बार वह ट्रोलर्स के निशाने पर भी आए।

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