RANCHI:राजधानी के लोगों को अपने मकान का सपना बेचकर 500 करोड़ से ऊपर की भारी भरकम फ्राड को अंजाम देने वाला मास्टरमाइंड जयंत दयाल नंदी 7 साल बाद भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। साल 2012 में संजीवनी बिल्डकॉन घोटाले का खुलासा हुआ था। सात साल के बाद भी ना तो पुलिस और ना ही सीबीआइ ही जयंत दयाल नंदी को पकड़ पाई है। आखिरी सूचना के अनुसार, घोटाला के बाद नंदी के विदेश भागने की सूचना है। उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया था। कभी उसके नेपाल तो कभी मलेशिया में होने की जानकारी मिलती रही, लेकिन उसे गिरफ्तार करने में सभी एजेंसी अबतक नाकाम रही हैं।

ईडी ने की बड़ी कार्रवाई

मामले में संजीवनी बिल्डकॉन की 3.10 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई है। 500 करोड़ से अधिक के संजीवनी बिल्डकॉन जमीन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 7 नवम्बर को यह कार्रवाई की। ईडी ने संजीवनी बिल्डकॉन के मास्टरमाइंड जयंत दयाल नंदी की पहली पत्‍‌नी अनिता नंदी के नाम पर रायपुर की सिविल लाइंस में खरीदे गए फ्लैट, नंदी के सहयोगी व कंपनी के निदेशक श्याम किशोर गुप्ता के नाम पर रांची में खरीदी गई 10 संपत्तियां व फिक्सड डिपॉजिट जब्त किए। इन संपत्तियों की कीमत करीब 3.10 करोड़ रु। है।

33 कांड को सीबीआइ ने किया था टेकओवर

इस मामले में रांची सहित विभिन्न जिलों में कुल 33 कांड दर्ज हुए थे, इन्हें आगे चलकर वर्ष 2014 में सीबीआइ ने टेकओवर किया था। अधिकतर मामलों में सीबीआइ चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है और कुछ में ट्रायल भी चल रहा है। घोटाले के मुख्य आरोपितों में कंपनी के प्रबंध निदेशक जयंत दयाल नंदी, उसकी पहली पत्नी अनिता नंदी, दूसरी पत्नी अनामिका नंदी, निदेशक श्याम किशोर गुप्ता, निदेशक तकनीक अरविंद सिंह, पीके गुप्ता, अब्दुल वहाब, मो। शमीम, ऑपरेशनल मैनेजर आरपी वर्मा समेत कई अन्य आरोपियों के नाम शामिल हैं।

पत्नी को मिली 4 साल की सजा

जमीन और फ्लैट देने के नाम पर धोखाधड़ी करने के मामले में कोर्ट ने रियल इस्टेट कंपनी संजीवनी बिल्डकॉन की डायरेक्टर अनामिका नंदी को साढ़े चार साल जेल की सजा सुनाई है। साथ ही 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। कंपनी के अधिकारी-कर्मचारी राम प्रताप वर्मा, रमेश सिंह और कुलदीप को भी दोषी करार देते हुए साढ़े तीन साल सश्रम कारावास की सजा दी है। इन तीनों के खिलाफ भी 20-20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। जुर्माना राशि नहीं भरने पर अलग से और छह माह की जेल काटनी होगी।

मई 2018 में की थी पूछताछ

ईडी ने मई 2018 में संजीवनी बिल्डकॉन व उसके निदेशक जयंत दयाल नंदी, उसकी दूसरी पत्‍‌नी अनामिका नंदी, पहली पत्‍‌नी अनिता, कंपनी के निदेशक श्याम किशोर गुप्ता, डायरेक्टर तकनीक अरविंद सिंह, ऑपरेशनल मैनेजर आरपी वर्मा से पूछताछ की थी। पूछताछ में रांची, रायपुर, मुंबई, पुणे में अचल संपत्ति होने की जानकारी मिली थी।

सरकारी कर्मियों पर भी निशाना

सीबीआई की टीम संजीवनी बिल्डकॉन की ठगी के साथ-साथ जमीन घोटाले में मददगार सरकारी कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है। सीबीआई अधिकतर मामलों में जांच पूरी कर चार्जशीट फाइल कर चुकी है। कुछ मामलों का ट्रायल शुरू हो चुका है। माना जा रहा है कि मामले में कई आईएएस, आईपीएस समेत जिला प्रशासन के कई अधिकारी शामिल हैं।

शिक्षिका के अपहरण का भी आरोपी है जेडी नंदी

जयंत दयाल नंदी के खिलाफ हजारीबाग के सदर थाना में कांड संख्या 174/95 दर्ज कराया गया था। इस मामले में हजारीबाग एसपी को पुलिस मुख्यालय ने आदेश दिया था कि वे नंदी को हाजिर कराएं। जिसपर एसपी ने जवाबदेही सदर थाना को दी। इसपर अमल के बजाय एसआइ प्रमोद कुमार ने जेडी नंदी की पुत्री के बयान के आधार पर आरोपी जेडी नंदी की मृत्यु 28 जनवरी 2009 को हो जाने का प्रतिवेदन सुपुर्द कर दिया। लेकिन मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं दिया। बाद में जब मृत्यु प्रमाणपत्र सामने रखा गया तो उसमें आरोपी जेडी नंदी की जगह एडी नंदी लिखा हुआ था।