कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Sant Ravidas Jayanti 2021: संत रविदास जयंती इस बार 27 फरवरी को मनाई जाएगी क्योंकि इसी दिन माघ पूर्णिमा पड़ रही है। भारत के महान संत रविदास की जयंती माघ पूर्णिमा के दिन धूमधाम से मनाई जाती है। इस खास दिन पर बड़ी संख्या में लोग उनकी जन्मस्थली वाराणसी जरूर पहुंचते हैं। यहां गंगा में स्नान ध्यान कर उनके दर्शन करने जाते हैं। वाराणसी में एक भव्य उत्सव की तरह उनकी जयंती मनाई जाती है। इस दिन देश भर में गुरु रविदास की फोटो के साथ जगह-जगह कीर्तन जुलूस निकाले जाते हैं।

रविदास ने भारतीय समाज में अनेक बदलाव किए

गुरु रविदास जी देश के महान संतों में थे। वह समान, न्‍यायपूर्ण और करुणामय समाज के पक्षधर थे। उनकी शिक्षाएं हर काल और समय के लिए तथा समाज के सभी वर्गों के लोगों के लिए प्रासंगिक हैं। उन्होंने भारतीय समाज में अनेक बदलाव किए हैं। अधिकारिक वेबसाइट पीआईबीडाॅटजीओवीडाॅटइन के मुताबिक उन्‍होंने रुढ़ीवादी और दमनकारी प्रथाओं पर सवाल खड़ा किया और लोगों को समय के साथ बदलने के लिए प्रेरित किया। उन्‍होंने ज्ञान भावना के साथ आगे बढ़ने और समय के साथ चलने की शिक्षा दी।

रविदास इस विचार धारा में विश्वास रखते थे

गुरु रविदास की सौहार्द और भाईचारे में प्रगाढ़ आस्‍था थी। वह किसी तरह के भेदभाव में विश्‍वास नहीं रखते थे। गुुरुरविदास कहा करते थे कि...ऐसा चाहूं राज मैं जहां मिलै सबन को अन्न। छोट बड़ो सब सम बसै, रैदास रहै प्रसन्न। गुरु रविदास जी ने उस समय का सपना देखा था, हर व्‍यक्ति के पास खाने का अन्‍न हो और व्‍यक्ति खुश हो। उन्होंने अपने प्रेम और करुणा की परिधि से समाज के किसी भी व्यक्ति या वर्ग को वंचित नहीं किया। गुरु रविदास ने एक ऐसे समाज की परिकल्पना की थी जो समानता पर आधारित हो।

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