RANCHI: रिम्स की सिक्योरिटी व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सैप के जवानों को तैनात किया गया है। इसके लिए उन्हें हाई सैलरी भी दी जा रही है। बावजूद वे हॉस्पिटल की व्यवस्था को सुधार पाने में फेल साबित हो रहे हैं। कभी-कभार बस दिखावे के लिए वे सख्त हो जाते हैं। लेकिन बाकी पूरा दिन उनकी ड्यूटी मस्ती में कट जाती है। ऐसे में सिक्योरिटी में तैनात एजेंसी के जवान ही मोर्चा संभाल रहे हैं। इसके बावजूद हेल्थ डिपार्टमेंट 100 और सैप के जवानों को तैनात करने की तैयारी में लगा है।

सैलरी पर दोगुना हुआ खर्च

सिक्योरिटी में तैनात गा‌र्ड्स को प्रबंधन मैक्सिमम 15 हजार रुपए तक सैलरी देता है। जबकि सैप के जवानों को 20 हजार रुपए पेमेंट किया जाता है। जिससे कि रिम्स की सिक्योरिटी पर खर्च लगभग डबल हो गया है। लेकिन सर्विस के मामले में सैप के जवान सुस्त हैं। जबकि सिक्योरिटी में तैनात एजेंसी के जवान सिक्योरिटी के साथ ही मरीजों का इलाज कराने में भी मदद करते हैं।

कैंपस में भी नहीं सुधर रही व्यवस्था

इमरजेंसी से लेकर पूरे कैंपस में जगह-जगह सैप के जवानों को तैनात किया गया है। वहीं तीन शिफ्ट में ड्यूटी रोस्टर भी तैयार है। इसके बावजूद ये जवान न तो इलीगल पार्किग को खाली कराते हैं और न ही मरीजों को हटाने की पहल करते हैं। इससे यह समझा जा सकता है कि इतनी अव्यवस्था के बावजूद रिम्स प्रबंधन इसे क्यों बढ़ावा देने में जुटा है।

झांकने तक नहीं आए सैप के जवान

गुरुवार को रजिस्ट्रेशन काउंटर में ड्यूटी कर रहे स्टाफ्स पर बाहरी युवकों ने हमला कर दिया। इसके बाद जमकर मारपीट भी हुई। लेकिन एक भी सैप का जवान देखने तक नहीं आया। जिससे यह साफ है कि उनकी ड्यूटी केवल डंडा लेकर खड़े रहने की है।