माघ शुक्ल पंचमी का दिन ऋतुराज बसंत के आगमन का प्रथम दिवस माना जाता है। इस माह 10 फरवरी 2019 को बसंत पंचमी, माघ मास और माघीय नवरात्र होने के कारण विशेष महत्व की है। इसे ऋतुराज बसंत के आगमन की खुशी में मनाया जाता है।

भगवान श्री कृष्ण ने इसे ऋतुओं का राजा कहा है। इस दिन माता सरस्वती का प्राक्ट्य हुआ था, अतः इसे वागीश्वरी जयन्ती एवं सरस्वती पूजा के रूप में भी मनाया जाता है। इस बार बसंत पंचमी कई बातों से महत्वपूर्ण है, जो पूजा अर्चना करने से प्राप्त फलों में कई गुना वृद्धि देगी। 

1. इस दिन सर्वाथ सिद्ध योग, रवि योग एवं साध्य योग होने के कारण स्वयं सिद्ध मुहुर्त में गणेश जी का पूजन-अर्चन करना अति शुभ रहेगा।

2. माघीय गुप्त नवरात्र (05.02.2019 से 14.02.2019 तक) में बसंत पंचमी तिथि का अधिक महत्व है।

3. पंचक में पंचमी तिथि का होना शुभ है क्योंकि पंचक शुभाशुभफल देने में भी सक्षम है। यह किसी फल को पांच गुना तक बढ़ाने समर्थ होती है। अतः पूजा पाठ का पांच गुना अधिक फल प्राप्त होगा।

4. इस दिन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि लक्ष्मीप्रद एवं कार्य सिद्ध करने वाली होती है, रेवती नक्षत्र भी शुभ फल देने के साथ ही सर्वाथ सिद्ध योग, साध्य योग एवं शुभ योग होने के कारण आज स्वयं सिद्ध मुर्हुत होना भी शुभ है। यह दिन अबूझ मुर्हुत के नाम से जाना जाता है। 

5. यह दिन अक्षरारम्भ मुर्हुत अर्थात छोटे बच्चों को ‘ग’ गणेश का लिखना आरम्भ करने का मुर्हुत भी है। इस दिन विद्या प्राप्ति यंत्र, स्मृति यंत्र, भ्रम निवारक यंत्र, गुरू कृपा प्राप्ति यंत्र, परीक्षा भ्रम निवारक यंत्र, दृष्टि बुद्धि नाशक यंत्र, मानसिक व्यथा निवारण यंत्र आदि भी बनाने व धारण करने का विधान है। इस दिन विद्यार्थियों को गणेश रूद्राक्ष धारण करना भी श्रेष्ठकर रहता है।

- ज्योतिषाचार्य पं राजीव शर्मा

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