- रस शास्त्र डिपार्टमेंट के प्रो आनंद चौधरी ने भिक्षाटन कर कराया मंदिर का निर्माण

- बीएचयू प्रशासन सहित टीचर्स व स्टूडेंट्स का मिला भरपूर सहयोग

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बीएचयू के रस शास्त्र विभाग कैंपस में बुधवार को रसेश्वर महादेव की प्राण प्रतिष्ठा के साथ स्थापाना की गयी। नर्मदेश्वर रुपी श्री रसेश्वर महादेव की स्थापना वैदिक रीति-रिवाज के अनुसार आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी प्रणव चैतन्य पुरी ने करायी। महादेव की प्राण प्रतिष्ठा पूजन समारोह 17 फरवरी से चल रहा था। आचार्य डॉ घनश्याम त्रिपाठी ने प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न कराया। पूजन के क्रम में अलग-अलग दिन जलाधिवास , अन्नाधिवास, स्नपन, नगर भ्रमण , शैया व प्राण प्रतिष्ठा की रस्म पूरी गयी।

शैक्षणिक रूप से अनिवार्य था मंदिर

रस शास्त्र विभाग के नये भवन में स्थापित हो जाने के बाद आयुर्वेदीय औषधि निर्माण की प्रयोगशाला में भस्म निर्माण के समय श्री शिव आराधना नहीं हो पाती थी। इसके लिए बीएचयू प्रशासन की अनुमति से रस शास्त्र विभाग की शैक्षणिक अनिवार्यता के क्रम में श्री रसेश्वर महादेव की स्थापना की गयी।

भिक्षाटन से बना मंदिर

विभाग के प्रो आनन्द चौधरी ने इस मंदिर निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। प्रो चौधरी ने बताया कि मालवीय जी से प्रेरित होकर श्री रसेश्वर महादेव मन्दिर निर्माण के लिए पूरे भारत से रस शास्त्र के शिक्षकों और स्टूडेंट्स से भिक्षा मांगी। बीचएयू के रस शास्त्र विभाग पुरा व वर्तमान छात्रों ने पूरा सहयोग किया। कार्यक्त्रम में एक्टिंग वीसी डॉ नीरज त्रिपाठी, आईएमएस के डायरेक्टर प्रो वीके शुक्ल निदेशक, डॉ एमके पांडेय, प्रो चन्द्रमौली उपाध्याय, प्रो रामहर्ष सिंह आदि उपस्थित थे। रस शास्त्र डिपार्टमेंट के प्रो नीरज कुमार ,डॉ लक्ष्मी नारायण गुप्त, डॉ चन्द्र शेखर , डॉ आशुतोष पांडे, विनीत शर्मा , डॉ शक्ति ,डॉ कोमल ,डॉ विकास, आदि ने मंदिर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।