लखनऊ (ब्यूरो)। घाघरा अंतरराज्यीय नदी है और राष्ट्रीय संपदा भी। संविधान की संघ सूची के क्रमांक-56 पर नदी संबंधी प्रकरण का उल्लेख है। इसलिए घाघरा के नाम परिवर्तन के इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजने के लिए भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। केंद्र की मंजूरी मिलने के बाद ही घाघरा, सरयू नदी कहलाएगी। योगी सरकार के इस फैसले को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की पृष्ठभूमि से जोड़कर देखा जा रहा है। घाघरा को अयोध्या में सरयू के नाम से जाना जाता है।

लखीमपुर खीरी है घाघरा का उद्गम स्थल

उत्तर प्रदेश से होकर बहने वाली प्रमुख नदियों में घाघरा और सरयू भी हैं। घाघरा का उद्गम स्थल लखीमपुर खीरी की धौरहरा तहसील में नेपाल से आने वाली गेरुआ और करनाली नदियों के संगम स्थल है। घाघरा नदी उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बहराइच, बाराबंकी, गोंडा, फैजाबाद, बस्ती, संत कबीर नगर, आंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ, गोरखपुर, देवरिया, बलिया होते हुए बलिया के दोआबा क्षेत्र के सिताब दियारा क्षेत्र में ग्राम जय प्रकाश नगर में गंगा नदी के बायें तट पर मिलती है। जिसकी लंबाई 1080 किमी है।

इन प्रस्तावों पर भी लगी मुहर

- गोरखपुर में सोनौली-नौतनवां-गोरखपुर-देवरिया-बलिया मार्ग (राज्य मार्ग संख्या-1) को शहर से देवरिया बॉर्डर तक चार लेन में चौड़ा और सुदृढ़ करने के लिए 250.94 करोड़ रुपये की पुनरीक्षित लागत को मंजूरी

- बरेली में बस स्टेशन के लिए मुफ्त जमीनको मंजूरी

- प्रयागराज में जिला जेल की पुनरीक्षित लागत 173.33 करोड़ रुपये को मंजूरी

- उन्नाव में नये मॉडर्न थाने के लिए नि:शुल्क जमीन

- 63 निष्प्रयोज्य पुलिस भवनों को गिराने की अनुमति

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