बस अड्डों को बताया शहर में जाम का कारण

पहले भी हो चुकी है बस अड्डों की शिफ्टिंग की कवायद

Meerut। शहर की सड़कों पर लग रहे जाम की जड़ बस अड्डे हैं। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने सीएम योगी आदित्यनाथ को बस अड्डों को शिफ्ट कराने के लिए पत्र लिखा है।

लगता है जाम

सीएम को लिखे पत्र में सासंद ने कहा कि मेरठ शहर की आबादी करीब 20 लाख है। देश का बड़ा व्यवसायिक शहर होने के कारण पश्चिमी उप्र के अन्य शहरों समेत उत्तराखंड के लोगों का शहर में आना-जाना रहता है। एक तो सड़कों पर यूं ही वाहनों का दबाव उसपर रोडवेज की बसों ने तो स्थिति को बद से बदतर कर दिया है। दिल्ली रोड पर भैंसाली बस अड्डा और गढ़ रोड पर सोहराबेट बस अड्डा के चलते मुख्य सड़कों पर बसों का आवागमन हर समय बना रहता है। इतना ही नहीं बस अड्डों तक पहुंचने के लिए कार, ऑटो और रिक्शा के मूवमेंट से भी सड़कों पर जाम लगता है।

हो चुके हैं प्रयास

सांसद ने लिखा कि पूर्व में भी बस अड्डों की शिफ्टिंग के प्रयास किए गए किंतु सफलता नहीं मिली। दिल्ली रोड स्थित भैंसाली बस अड्डे को शताब्दीनगर और सोहराबगेट बस अड्डे को लोहियानगर में शिफ्ट करने की मांग सांसद ने सीएम के समक्ष उठाई है। सांसद ने बढ़ रहे प्रदूषण का हवाला भी पत्र में दिया है। उन्होंने कहा कि दोनों बस अड्डों तक पहुंचने के लिए बसों और वाहनों के आवागमन से भारी मात्रा में प्रदूषण हो रहा है। सांसद ने बस अड्डों को मेरठ के कारोबार और व्यापार के लिए हानिकारक बताया है।

नहीं हो रही शिफ्टिंग

गौरतलब है कि मेरठ में बस अड्डों की शिफ्टिंग के लिए सड़क से लेकर न्यायालय तक लड़ाई लड़ी गई है। गत दिनों एक पीआईएल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में दायर की गई थी। वहीं पूर्व में सोहराबगेट को लोहिया नगर में शिफ्ट करने को लेकर कड़ी कवायद की जा चुकी है। बता दें कि एमडीए ने हाल ही में 45 हजार वर्ग मीटर भूमि शताब्दीनगर योजना में सेक्टर 4 में चिह्नित की है। जमीन के संबंध में एक प्रस्ताव भी एमडीए ने यूपीएसआरटीसी को भेजा है।