आपसी सहमति से निपटाने का आवेदन

रिलायंस और सेबी के बीच चल रहे मामले में सिक्योरिटी अपेलेट ट्रिब्यूनल (सैट) ने सोमवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज की सेबी के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया. सेबी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज पर आरोप लगाया था कि रिलायंस इंडस्ट्रीज में रिलायंस पेट्रोलियम के विलय मामले में नियमों का कथित रूप से उल्लंघन किया गया था. यही नहीं सेबी ने रिलायंस के उल्लंघन के आरोपों को आपसी सहमति के जरिए निपटाने के आवेदन को भी ठुकरा दिया था. इस मामले के बाद रिलायंस ने सेबी के आदेश के खिलाफ अपील दायर की. वहीं सैट ने कहा है कि रिलायंस का आवेदन विचार योग्य नहीं है, क्योंकि आपसी सहमति प्रणाली के नए नियम पिछली डेट से लागू हो चुके हैं.

नियमों का उल्लंघन

जेपी देवधर की अध्यक्षता वाली सैट की पूर्ण पीठ ने इस मामले में कहा कि अधिनियम में दिए गए आपसी सहमति के नियमों में अप्रैल 2010 को ही संशोधन किया जा चुका है. ये मामला 2008 का है जब सेबी ने रिलांयस इंडस्ट्रीज के खिलाफ नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया था. जिसपर बाजार नियामक का कहना था कि रिलायंस पेट्रोलियम का स्वयं में विलय कर कंपनी ने नियमों का उल्लंघन किया है. मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस ने दिसंबर 2010 में सेबी के आरोपों को सैट में चुनौती दी थी. इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा सेबी के उस निर्णय को चुनौती देना भी शामिल है जिसमें कंपनी को जनवरी 2013 में जारी किए गए नए नियमों के तहत सहमति व्यवस्था से अलग रखने की बात कही गई थी. इस व्यवस्था के तहत कोई कंपनी अपने खिलाफ लगे आरापों को स्वीकार या खारिज किए बिना जुर्माने का भुगतान कर मामले का निपटा सकती है.

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