तेल की कमाई पर पल रहे देश निरंतर कर रहा प्रयोग

दरअसल तेल कीमतों में लगातार गिरावट के चलते सउदी अरब की अर्थव्यवस्था की रफ्तार कुंद पड़ चुकी है। इस देश को भी अंदाजा हो चुका है कि तेल की कमाई से अब अर्थव्यवस्था को भविष्य में जिंदा रख पाना बहुत मुश्किल होगा। यही वजह है कि यह देश अपनी कट्टरता को भी ताक पर रख कर ऐसे-ऐसे फैसले ले रहा है कि एक दशक पहले इस इस्लामिक राष्ट्र से कोई उम्मीद नहीं कर सकता। उसने न सिर्फ महिलाओं को ड्राइविंग की छूट दी बल्कि महिलाएं अब वहां ट्रक भी चला सकेंगीं। उन्हें फुटबॉल जैसे खेल देखने की अनुमति दी। इतना ही नहीं एक रोबोट को नागरिकता देकर दुनिया को चौंका दिया। ये सब दुनिया भर को एक मैसेज देना है कि सउदी अरब एक लिबरल देश है और यहां औरत हो या मर्द यहां तक रोबोट सबको आजादी से जीने का हक है।

जानें सलमान क्‍यों बनाना चाह रहे हैं 500 अरब डॉलर खर्च करके दुनिया का सबसे बड़ा शहर

अर्थव्यवस्था को गति देने को न्यूयार्क से बड़ी सिटी

तेल पर आधारित अपनी मंद पड़ती अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिए सउदी अरब 500 अरब डॉलर खर्च करके न्यूयार्क से भी बड़ा एक शहर बसाने जा रहा है। यह नया शहर जॉर्डन और मिस्र को आपस में जोड़ेगा। इस शहर के संचालन में परंपरागत ऊर्जा की बजाए वैकल्पिक ऊर्जा का उपयोग होगा। यह शहर न्यूयार्क से 33 गुना ज्यादा बड़ा होगा। सउदी के युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने इसकी घोषणा की है। इस परियोजना को सउदी सरकार और निजी कंपनियां फाइनेंस करेंगी। इतना ही नहीं यह शहर 10,230 वर्ग मील में बसाया जाएगा। यह क्षेत्रफल अमेरिका के न्यूयार्क सिटी से 33 गुना ज्यादा बड़ा है। सलमान को आधुनिक और उदारवादी माना जाता है। वे इस्लामी कट्टरता को खत्म कर पश्चिम को अपनी ओर लुभाना चाहते हैं और अपनी उदार छवि पेश करके दुनिया से कदम से कदम मिला कर चलना चाह रहे हैं। सलमान के इस ड्रीम प्रोजेक्ट का नाम नियोम है।

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