ऐसी है जानकारी
सऊदी अरब की ओर से दी गई इस धमकी का अमेरिका पर गहरा असर देखने को मिला है। वहीं ओबामा प्रशासन की ओर से संबंधित बिल को रोकने के लिए संसद में लॉबिंग शुरू कर दी गई है। दूसरी ओर बीते कुछ सप्ताह से इस मामले पर सांसदों और गृह विभाग व पेंटागन के अधिकारियों के बीच लगातार गंभीर बहस चल रही है।

सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने बताया
बता दें कि सऊदी अरब के विदेश मंत्री अदेल अल जुबेर बीते महीने वॉशिंगटन दौरे पर थे। उसी समय उन्होंने खुद अमेरिका को किंगडम के संदेश से अवगत कराया था। अमेरिकी सांसदों से उन्होंने साफ कह दिया था कि सऊदी अरब ट्रेजरी सिक्योरिटी में रखे 750 अरब डॉलर यानी करीब 50,000 अरब रुपये सहित अन्य दूसरी कंपनियों को बेचने पर बाध्य हो जाएगा।

वाह्य अर्थशास्त्रियों का ये है कहना
वहीं वाह्य अर्थशास्त्रियों का इस बारे में कहना है कि सऊदी अरब सिर्फ धमकी दे रहा है। इसका कारण साफ है कि सऊदी के लिए ऐसा करना बेहद कठिन होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिकी संपत्तियां बेचने से वहां उन्हीं की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचेगा। इसके बावजूद इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि सऊदी अरब की ओर से ये धमकी अरब और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव का प्रतीक है।

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