12 साल से में हुई शुरुआत
सऊदी अरब के प्रिंस सलमान के लाडले बेटे मोहम्मद बिन सलमान आने वाले कुछ सालों में दहशत का नया नाम बन सकते हैं। हालांकि यह न तो आतंकवादी बन रहे हैं और न ही आतंकी संगठन का हिस्सा बने बल्िक, अपने जिद्दी और तानाशाही व्यवहार के चलते सुर्खियां बटोर रहे हैं। सलमान जब 12 साल के थे, तभी वह अपने पिता के साथ मीटिंग में बैठने लगे थे। धीरे-धीरे उन्होंने राजनीति से लेकर कूटनीति की समझ पाई और फिर 29 साल की उम्र में दुनिया के सबसे युवा रक्षा मंत्री बन गए हैं।

काफी महत्वाकांक्षी हैं सलमान

मोहम्मद बिन सलमान जब सऊदी अरब के रक्षा मंत्री बने, तो उन्होंने काफी कड़े फैसले लेने शुरु कर दिए। जिसमें कि बाहरी मामलों में हस्तक्षेप करने का एजेंडा सबसे ऊपर है। 29 साल के मोहम्मद बिन सलमान अपने बूढ़े हो चुके पिता की जगह लेना चाहते हैं। यह सही भी है क्योंकि इनके पिता मेंटली डिस्टर्ब रहने लगे हैं। ऐसे में सलमान निकट भविष्य में राजगद्दी संभालते हुए दिख सकते हैं। वह एक राजनीतिक खेल के तहत यमन और सीरिया में प्रॉक्सी वॉर के जरिए अरब वर्ल्ड को अस्थिर करने में लगे हैं।

आग से खेल रहा है सऊदी अरब

पिछले साल के आखिर में जर्मन खुफिया एजेंसी ने एक रिपोर्ट पब्लिश की थी, जिसमें सऊदी अरब के खतरनाक मंसूबों का जिक्र किया गया था। जिसमें कहा गया है कि, सऊदी अरब अप्रत्याशित रूप से आग से खेल रहा है। मध्य-पूर्व के एक पूर्व मंत्री ने बताया कि, अतीत में सऊदी ने सामान्यत: अपने विकल्प खुले रखने की कोशिश की है और सतर्क रहता था। यहां तक कि कुछ सरकारों से इनके मतभेद हुए तो इन्होंने इसमें उलझने की कोशिश नहीं की। इसी साल दो जनवरी को सऊदी अरब में शिया धर्मगुरु निम्र अल निम्र समेत 46 लोगों को फांसी पर लटका दिया गया। इनमें ज्यादातर सुन्नी जिहादी थे या राजशाही का विरोध करने वाले। इस कदम से अरब वर्ल्ड में संदेश गया कि सऊदी अरब यथास्थिति के लिए खतरा बन गया है।

ईरान को खुली चुनौती

सऊदी अरब के कदमों से साफ लगने लगा है किख् वह ईरान के नेतृत्व को खुला चैलेंज दे रहा है। यही नहीं सऊदी ने सुन्नी सांप्रदायिक राष्ट्रवाद को लेकर गोलबंदी भी शुरु कर दी। इसमें कोई शक नहीं है कि सऊदी अरब की नीति में परिवर्तन सलमान के आने के बाद हुआ। आपको याद हो पिछले साल मक्का में हुई भगदड़ में 400 ईरानी तीर्थयात्रियों की मौत के बाद सऊदी अरब और ईरान के रिश्तों में काफी कड़वाहट देखने को मिली। ऐसे में पिछले दिनों हो रही गतिविधियों पर नजर डालें तो सऊदी ईरान के साथ जानबूझकर तनाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि इस बीच प्रिंस मोहम्मद ने कहा है कि, अगर सऊदी और ईश्रान में युद्ध हुआ तो इलाके में भारी तबाही मचेगी, और ऐसस नहीं होने जा रहा है। खैर सऊदी का यह नया अंदाज उसके पिछले शासकों से बिल्कुल अलग करता है।

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