हर सोमवार को दो घंटे पूर्व होगी पांचों पहर की आरती

गर्भगृह में प्रवेश नहीं, बाहर से ही मिलेगा बाबा का दर्शन

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VARANAS : श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए सावन माह में देश-दुनिया से हजारों भक्त आते हैं। इस बार बाबा अपने भक्तों को पांच स्वरूपों में दर्शन देंगे। सुगंधित फूलों से औघड़दानी का भव्य श्रृंगार किया जाएगा, लेकिन इस बार श्रद्धालु मंदिर के गर्भगृह में नहीं जा सकेंगे। बाबा का दर्शन बाहर से ही मिलेगा और जलाभिषेक के लिए प्रवेश द्वार पर लगे पात्र में ही जल और दूध डालना होगा।

मां गंगा की प्रतिमा होगी प्रतिष्ठापित
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह ने बताया कि सावन के प्रथम सोवमार को बाबा का सुगंधित फूलों से भव्य श्रृंगार किया जाएगा। साथ ही मंदिर परिसर और गर्भगृह को कामिनी की पत्तियों एवं फूलों से सजाया जाएगा। उन्होंने बताया कि दूसरे सोमवार को बाबा के साथ ही मां गंगा पार्वती की प्रतिमा प्रतिष्ठापित कर आकर्षक श्रृंगार होगा। तीसरे सोमवार को बाबा के अर्धनारीश्वर स्वरूप की झांकी सजायी जाएगी। चौथे सोमवार को भोलेदानी का रुद्राक्ष श्रृंगार और सावन की पूर्णिमा तिथि को शिव, पार्वती और गणेश की चल प्रतिमाओं का झूला श्रृंगार किया जाएगा। हर सोमवार को मंगला आरती भोर में 2.30 से 4 बजे तक, सप्तर्षि आरती 5.30 बजे से और भोग आरती भी निर्धारित समय से दो घंटे पूर्व होगी।

अलग-अलग द्वार तय
मंदिर प्रशासन द्वारा तय किए गए प्लान के मुताबिक मैदागिन, छत्ताद्वार से आने वाले भक्त गर्भगृह के पश्चिम द्वार से दर्शन पूजन करेंगे। गौदोलिया से आने वाले भक्त बांस फाटक होते हुए मंदिर के दक्षिणी और पूर्वी द्वार से बाबा का दर्शन लाभ लेंगे। वहीं, उत्तरी प्रवेश द्वार टिकट लेने वाले और वीआईपी दर्शनार्थियों के लिए निर्धारित किया गया है। मंदिर पहुंचने वाले डाक बम किसी भी प्रवेश द्वार से झांकी दर्शन कर सकेंगे। मैदागिन से गोदौलिया मार्ग पर श्रद्धालुओं के लिए पेयजल, अमानती सामान घर व चप्पल-जूता स्टैंड की सुविधा के साथ ही दिशा सूचक बोर्ड एवं वृद्ध श्रद्धालुओं के लिए ई-रिक्शा भी संचालित होंगे।