कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। गोरी है कलाइयां तू लादे मुझे हरी-हरी चूड़ियां...बाॅलीवुड फिल्म आज का अर्जुन का ये गाना आज भी लोगों की जुबान पर रटा है। खासकर सावन के महीने में तो यह और भी ज्यादा गुनगुनाया जाने लगता है। जी हां सावन आते ही महिलाओं की कलाइयों पर ग्रीन कलर यानी कि हरे रंग चूड़ियां सजने लगती है। नई नवेली दुल्हन हो या उम्र दराज महिला या फिर कोई काॅलेज गोइंग लड़की सभी को सावन में हरी चूड़ियों के लिए क्रेजी देखा जाता है। वर्किंग-नाॅन वर्किंग सभी महिलाएं पहले से ही हरी चूड़ियों की तैयारी करने लगती है। सावन में ड्रेस किसी भी कलर की हो लेकिन चूड़ियां ज्यादातर हरी ही दिखाई देती हैं। इसे अब एक तरह से फैशन टे्रंड भी कह सकते हैं।

सावन में इन हरी चूड़ियों की डिमांड बढ़ जाती है
सावन में हरी चूड़ियां जींस, साड़ी और सूट हर तरह के ड्रेस पर खूब फबती हैं। चूड़ी बाजारों में भी सावन के महीने में हरे रंग की चूड़ियों की डिमांड बढ़ जाती है। बाजार में गोल्डन डॉट्स ग्रीन चूड़ियां, हरे रंग में पत्थर की चूड़ियां, लाइट ग्रीन ग्लास चूड़ियां, कपड़े और कुंदन के साथ हाथ से सजाई गई हरे रंग की चूड़ियां, मोती से सजी ग्रीन चूड़ी, सरल धातु हरे रंग की चूड़ियां बाजार में खूब बिकती हैं। वहीं पारंपरिक ब्राइडल ग्रीन चूड़ियां सेट और लड़कियों में स्टाइलिश ग्रीन चूड़ियां भी खूब पसंद की जाती हैं।

हरी चूड़ियां पहनने के पीछे अलग-अलग कारण
सावन में हरे रंग की चूड़ियां पहनने के पीछे के कई अलग-अलग कारण हैं। सावन का महीना प्रकृति के सौंदर्य का महीना कहा जाता है। बारिश होने से हर तरफ हरियाली नजर आती है और हरा रंग प्रकृति को दर्शाता है। इसके अलावा कजरी, तीज, हरियाली तीज जैसे त्योहारों के होने से भी हरे रंग के कपड़े व हरी चूड़ियां पहनने का रिवाज है। वहीं यह भी माना जाता है कि प्रकृति का निर्माण करने वाले भगवान शिव जी हरे रंग से प्रसन्न होते हैं। यही कारण है कि सुहागिन महिलाएं सावन माह में हरी चूड़ियां पहनती हैं।