कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। हिंदू धर्म में सावन का महीना का बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। हिंदी पंचांग का यह पांचवा महीना श्रावण के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक यह महीना भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है कि सावन के महीने में हर सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने से समृद्धि और अच्छा जीवन मिलता है। सावन के इस महीने में भगवान शिव के भक्त हरिद्वार की कावर यात्रा का भी आयोजन करते हैं। आषाढ़ मास के बाद श्रावण मास या सावन मास आता है। इस वर्ष आषाढ़ मास 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है और सावन 25 जुलाई से 22 अगस्त तक चलेगा।

सावन में शिव पूजन से मिलता है विशेष फल

शिव और सावन एक-दूसरे के पूरक हैं। सावन का महीना भगवान शिव को सबसे प्रिय माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव अपने भोले भक्तों पर जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान शिव हमेशा उनकी रक्षा करते हैं। भोलेनाथ आठों दिशाओं से भक्तों की रक्षा करते हैं। भोलेनाथ के रक्षा कवच के लिए शिवाष्टकम् का नियमित पाठ करना फलदायी होता है। सावन में भगवान शिव की पूजा दीप मालाओं तथा धूप से करना चाहिए। इसके अलावा पूजन में चावल, फूल, धतूरा, आकड़ा, बिल्व-पत्र आदि पूजन सामग्री से भी पूजन करने से शिव प्रसन्न होते हैं। सावन में शिव मंदिर में शाम को दीपक जलाना चाहिए।

सावन के महीने में सोमवार व्रत का महत्व

सावन के महीने में सोमवार का विशेष महत्व होता है। इस दिन व्रत व पूजन से भगवान शिव बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं। यह भी मान्यता है कि सावन के सोमवार में भगवान शंकर का अभिषेक करने से नवग्रहों का दोष दूर होता है। इसके अलावा विवाह में आ रही दिक्‍कतें दूर होती हैं और सभी पापों से भी मुक्ति मिलती है। भगवान शिव की पूजा करने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। इस बार 26 जुलाई को सावन का पहला सोमवार व्रत है। दूसरा सावन सोमवार का व्रत 2 अगस्त को पड़ रह है। तीसरा सावन सोमवार व्रत 9 अगस्त को और चौथा सावन सावन सोमवार व्रत 16 अगस्त को पड़ रहा है।