- चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर के निर्माण में लगे 150 मजदूरों ने दो दिनों में बिना बताए छोड़ दिया काम

- अफसरों के माथे पर शिकन, नहीं समझ पा रहे कैसे समय से पूरा होगा काम

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VARANASI

चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर हादसे के मामले में पूर्व चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर समेत सात इंजीनियर्स और एक ठेकेदार की गिरफ्तारी से इंजीनियर्स, ठेकेदार और कामगारों में दहशत है। स्थिति यह है कि फ्लाईओवर निर्माण कार्य में लगे 150 से ज्यादा मजदूर पिछले दो दिनों में बिना बताए काम छोड़कर चले गए हैं। ठेकेदार भी काम करने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में काम काफी धीमा हो गया है। इससे निगम के अफसरों के माथे पर शिकन है कि तय समय में काम कैसे पूरा होगा?

रिपोर्ट मांग रहे पूरी

राज्य सेतु निगम की वाराणसी और गाजीपुर यूनिट्स बनारस में चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर, आशापुर आरओबी, फुलवरिया फोरलेन फ्लाईओवर व आरओबी और वरुणा पर कोनिया पुल का निर्माण करवा रही है। खासकर चौकाघाट फ्लाईओवर निर्माण पर शासन का विशेष ध्यान है। निर्माण प्रगति की रिपोर्ट डेली लखनऊ भेजी जाती है। पुलों के डेली निर्माण प्रगति का मानक तय है। इसके लिए बकायदा बजट भी निर्धारित है, लेकिन मजदूरों केकाम छोड़कर चले जाने की वजह से 60 फीसदी काम रुक गया है। ऐसे में विभागीय उच्चाधिकारियों के सवाल का जवाब देने में अफसर असहज महसूस कर रहे हैं।

अन्य पुलों के निर्माण में अड़चन

सेतु निगम के अफसरों के मुताबिक आशापुर आरओबी का निर्माण अभी शुरू ही हुआ था। तब तक बरसात शुरू हो गई, लिहाजा काम रोकना पड़ा। फुलवरिया फ्लाईओवर निर्माण में तकनीकी अड़चने हैं। वहीं कोनिया में बन रहे पुल का निर्माण वरुणा का जलस्तर बढ़ने की वजह से रोक दिया गया है।

एक नजर

- करीब 48 फीसदी हुआ काम

- 250 मजदूर लगे थे काम में

- 100 वर्कर काम कर रहे इस समय

केस वापस लेने की मांग

इंजीनियर्स की गिरफ्तारी के विरोध में राज्य सेतु निगम के अफसर बड़े आंदोलन के मड में हैं। निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर्स, असिस्टेंट और जूनियर इंजीनियर्स ने साथियों से मुकदमा वापस लेने की मांग की है। साथ ही चेतावनी भी दी है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे हड़ताल पर चले जाएंगे। दो दिन पहले इसी मांग को लेकर इंजीनियर्स ने काली पट्टी बांधकर काम किया था और डीएम सुरेन्द्र सिंह को पत्रक सौंपा था।

कामगारों को समझा-बुझाकर वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है। काम धीमा होने से हमारे ऊपर भी काफी दबाव है। शासन अगर चाहे तो एनएचएआई से काम करवा सकता है।

संदीप गुप्ता, प्रोजेक्ट मैनेजर

हादसे में आरोपित इंजीनियर्स के अन्याय हुआ है। इस मामले में एडमिनिस्ट्रेशन और ट्रैफिक पुलिस के अफसरों को साफ बचा लिया गया। अगर न्याय नहीं हुआ तो संगठन आरपार की लड़ाई लड़ेगा।

अशोक तिवारी, अध्यक्ष, सेतु अभियंता एसोसिएशन