मुंबई (पीटीआई)भारतीय रिजर्व बैंक यानी कि आरबीआई ने कोरोना के प्रकोप के कारण हुई कठिनाई से निपटने के लिए शुक्रवार को बेंचमार्क ब्याज दर में यानी कि रेपो रेट घटा दिया है। उसने रेपो रेट में 75 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर दिया है। इस घोषणा के कुछ ही घंटे बाद देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने भी अपने बयान बयान में कहा कि वह रेपो रेट में कटौती का पूरा फायदा अपने ग्राहकों को देगा और नई ब्याज दर 1 अप्रैल से प्रभावी होगी। इसके अलावा, बैंक ने रिटेल और बल्क डिपोजिट पर ब्याज दरों को 20 बीपीएस और 100 बीपीएस के बीच कम किया है।

लोन पर ब्याज दर कम

बैंक ने एक बयान में कहा, 'देश की अर्थव्यवस्था को बचाने के इरादे से आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती की हैं। इसलिए, हमने भी अपने ग्राहकों के लिए रेपो रेट में 75 बेसिस प्वाइंट की कटौती करने का फैसला किया है। हम चाहते हैं कि जितना ब्याज हमसे लिया जा रहा है, केवल उतना ही ब्याज हम ग्राहकों से लें।'बता दें कि एसबीआई की नई घटी दर बाहरी मानक दर से जुड़ी कर्ज दर (ईबीआर) और रेपो दर से जुड़ी कर्ज दर (आरएलएलआर) के तहत लोन लेने वाले कस्टमर्स पर लागू होगी। ईबीआर को 7.80 प्रतिशत से घटाकर सालाना 7.05 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अलावा आरएलएलआर को 7.40 प्रतिशत से घटाकर 6.65 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं, बैंक ने आगे कहा कि इस कटौती के बाद ईबीआर या आरएलएलआर से जुड़े होम लोन खातों पर समान मासिक किस्त (ईएमआर) में प्रत्येक एक लाख रुपये पर 52 रुपये की कमी आयेगी।

इससे पैसा मार्केट में बढ़ेगा

बता दें कि रिजर्व बैंक ने 28 मार्च से 1 साल के लिए सभी बैंकों के कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) को 100 बेसिस प्वाइंट घटाकर 3 प्रतिशत कर दिया। अब बैंकों के पास लोन देने के लिए ज्यादा पैसा होगा। इससे पैसा मार्केट में बढ़ेगा। वहीं भारतीय रिर्जव बैंक ने सभी उधार देने वाली संस्थाओं से कहा कि वे सभी ऋणों के संबंध में ईएमआई के भुगतान में तीन महीने की मोहलत दें। इसके साथ पूंजी ऋणों पर ब्याज भुगतान पर भी तीन माह के लिए जून 2020 तक रोक लगाने की अनुमति दी गयी है। आरबीआई द्वारा बैंकिंग वर्ल्ड में 3.74 लाख करोड़ रुपये की नकदी उपलब्ध होगी।

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