नई दिल्ली (पीटीआई)। प्रशांत भूषण पर जूडिशियरी के खिलाफ दो ट्वीट करने का आरोप है। जस्टिस अरुण मिश्र की अगुआई में एक खंडपीठ ने उन्हें अदालत की अवमानना का दोषी करार दिया और बतौर सजा उन पर 1 रुपया जुर्माना ठोका है। बेंच में शामिल जस्टिस मिश्र के अलावा जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी ने अपने फैसले में कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में कटौती नहीं की जा सकती लेकिन दूसरों के अधिकारों का भी सम्मान होना चाहिए।
माफी मांगने से किया था इनकार
14 अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय ने भूषण को आपराधिक अवमानना का दोषी करार दिया था। जूडिशियरी के खिलाफ दो ट्वीट करने के लिए उन्हें दोषी माना गया था। कोर्ट ने अपने फैसले में भूषण को दोषी ठहराते हुए कहा था कि उन्होंने जूडिशियरी की कार्यप्रणाली को लेकर लोक हित में सही आलोचना नहीं की थी। अपने दोनों ट्वीट के लिए प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगने से मना कर दिया था। उनका कहना था कि उन्होंने जो भी अभिव्यक्त किया है वे अपनी बात पर कायम रहेंगे।

National News inextlive from India News Desk