नई दिल्ली (पीटीआई)। सुप्रीम कोर्ट में 34 जजों के पद स्वीकृत हैं। अब सर्वोच्च न्यायालय में अब तक 10 वैकेंसियां थीं। आने वाले दिनों में नये जजों के शपथ लेने के बाद सिर्फ एक पद रिक्त रह जाएगा। सूत्रों ने कहा कि जल्दी ही कानून मंत्रालय द्वारा औपचारिक नोटिफिकेशन जारी किए जाएंगे। पहली बार सुप्रीम कोर्ट काॅलेजियम ने पिछले सप्ताह तीन महिला जजों के नियुक्ति की सिफारिश की है।

पहली बार तीन महिला जजों की नियुक्ति की सिफारिश

नियुक्त होने वाले जजों में जस्टिस नागरत्ना कर्नाटक हाईकोर्ट में तीसरी सबसे वरिष्ठ जज हैं। सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने वाली अन्य महिला जजों में तेलंगाना हाई कोर्ट की मुख्य न्याधीश जस्टिस हीमा कोहली तथा गुजरात हाईकोर्ट की पांचवीं सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस बेला एम त्रिवेदी शामिल हैं। जस्टिस कोहली 1 सितंबर को 62 वर्ष की उम्र में रिटायर होने वाली थी जबकि सुप्रीम कोर्ट में रिटायरमेंट उम्र 65 वर्ष है।

विभिन्न हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस भी शामिल

सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने वाले जजों में केरल हाईकोर्ट के जस्टिस सीटी रविकुमार तथा मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एमएम सुंदरेश भी शामिल हैं। सीनियर एडवोकेट तथा पूर्व एडिशनल साॅलिसिटर जनरल पीएस नरसिम्हा छठवें वकील हैं जो बार से बेंच में प्रमोट हो रहे हैं। विभिन्न उच्च न्यायालयों से भी मुख्य न्यायधीश सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त हो रहे हैं। इनमें कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस अभय श्रीनिवास, गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विक्रम नाथ तथा सिक्किम हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जितेंद्र कुमार माहेश्वरी शामिल हैं।

जस्टिस नागरत्ना का सफर वकील के तौर पर शुरू हुआ

जस्टिस नागरत्ना का जन्म 30 अक्टूबर, 1962 में हुआ था। वे पूर्व CJI ईएस वेंकटरमैया की बेटी हैं। 28 अक्टूबर,1987 को वे एडवोकेट के तौर पर बेंगलुरू में पंजीकृत हुईं थीं। अपनी वकालत के दौरान उन्होंने संविधान, वाणिज्य, इंश्योरेंस तथा सेवाओं से संबंधित मामलों की पैरवी की। कर्नाटक हाईकोर्ट में वे 18 फरवरी, 2008 को एडिशनल जज के तौर पर नियुक्त हुईं। 17 फरवरी, 2010 वे परमानेंट जज बनीं। सुप्रीम कोर्ट में उनका कार्यकाल 29 अक्टूबर, 2027 तक रहेगा। 23 सितंबर, 2027 के बाद वे एक महीने से ज्यादा समय तक देश की पहली महिला सीजेआई बन सकती हैं।

National News inextlive from India News Desk