नई दिल्ली (एएनआई)जेएनयू छात्र शारजील इमाम की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश, असम और अन्य राज्यों को नोटिस जारी किया है। बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अलग-अलग राज्य में दर्ज सभी एफआईआर को एक साथ करने और एक ही एजेंसी से जांच करवाने की मांग वाली इमाम की अर्जी पर दिल्ली सरकार को भी नोटिस जारी किया था। न्यायमूर्ति यू यू ललित की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की एक पीठ ने मामले में विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए दिल्ली पुलिस को और समय दिया और मामले को एक सप्ताह के बाद आगे की सुनवाई के लिए तय किया।

शार्जील इमाम के वकील ने मांगी राहत

शार्जील इमाम के वकील ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी मामले का उदाहरण देते हुए राहत मांगी। इमाम के वकील ने कहा, 'अर्नब मामले में, सभी एफआईआर को साइक्लोस्टाइल बना दिया गया था।' सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस मामले पर जवाब दाखिल करने के लिए और समय मांगा और साथ ही कहा कि आरोपी शारजील इमाम कई राज्यों में आरोपों का सामना कर रहे हैं। मेहता ने कहा कि वह कल मामले में जवाब दाखिल करेंगे और यह भी कहा कि शीर्ष अदालत को मामले में सभी पक्षों को नोटिस जारी करना चाहिए।

दिया था दंगा भड़काने वाला बयान

उन्होंने कहा, 'केवल दिल्ली के एनसीटी को नोटिस देना ही पर्याप्त नहीं है। अन्य राज्यों में जहां आरोपियों ने कथित भाषण दिए हैं, उन्हें भी पक्षकार बनाया जाना चाहिए।' बता दें कि शरजील पर दिसंबर में दिल्ली के जामिया में दंगा भड़काने और देश बांटने जैसे बयान देने का आरोप है और उसके खिलाफ अलग-अलग राज्यों में कई एफआईआर दर्ज हैं। इसपर उसने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर सभी दर्ज एफआईआर को एक साथ करने और एक ही जांच एजेंसी के जरिए जांच करने की मांग की है।

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