छह माह से दो साल की जेल

जानकारी के मुताबिक अब देश में शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की खैर नहीं। जी हां आजकल बढ़ते सड़क हादसों के कारण सुप्रीम कोर्ट ने शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले चालकों से निपटने के लिए सख्त कदम उठाया है। इसके लिए सु्प्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को भी सख्त निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट में एक नियुक्ित समिति के अध्यक्ष न्यायाधीश केएस राधाकृष्णन के पैनल ने यह फैसला सुनाया है। जिसमें राज्यों सरकारों से कहा गया है कि अब शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले चालकों के खिलाफ पुलिस को सख्त रवैया अपनाना होगा। जिससे अब शराब या ड्रग के नशे में गाड़ी चलाने पर छह माह से दो साल तक की सजा हो सकती है। जिसमें यह भी साफ किया कि पहली बार किया गया अपराध भी क्षमा के लायक नहीं होगा। इतना ही नहीं इस दौरान पुलिस उनका लाइसेंस भी रद्द कर सकती है।

41 हजार लोगों की जान

इतना ही नहीं समित ने राज्य सरकारों के साथ पुलिस अधिकारियों को भी इस निर्देश का कड़ाई से पालन करने को कहा है। समिति का कहना है पुलिस कि शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर कोई नरमी न बरतें। पुलिस ऐसे गुनहगारों पर मुकदमा चलाए और जेल की सजा दिलाए। गौरतलब है कि अगर राष्ट्रीय अपराध अनुसंधान ब्यूरो के आकड़ों पर नजर डाले तों  2014 में एक लाख 41 हजार लोगों की जान सड़क हादसे में गई। यह आंकड़ा हर दिन बढता ही जा रहा है। हर दिन लगभग 250 से अधिक लोगों की जान महज सड़क हादसे में जा रही है। जिसमें ज्यादातर मामले भी शराब पीकर गाड़ी चलाने व यातायात नियमों को तोड़ने के कारण हो रहे हैं। अभी तक शराब पीकर गाड़ी चलाते पकड़े जाने पर सिर्फ जुर्माना भरने का प्रावधान है।

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