-डायसिस ऑफ लखनऊ की संपत्ति का बंदरबांट करने का आरोप, सिविल लाइंस थाने में रिपोर्ट दर्ज

-मामले में 16 लोग नामजद व कई अज्ञात के खिलाफ दर्ज कराया गया है मुकदमा, जांच में जुटी पुलिस

PRAYAGRAJ: इंडियन चर्च ट्रस्टीज डायसिस ऑफ लखनऊ के अधीन करीब 100 अरब की जमीन बेचकर रुपयों की बंदरबांट कर ली गई। सिविल लाइंस थाने में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद यह हैरतंगेज प्रकरण रविवार को प्रकाश में आया। कूटरचित और फेक डॉक्यूमेंट्स के आधार पर सिविल लाइंस स्थित सौ अरब की भूमि को दूसरी संस्थानों के नाम ट्रांसफर कर बेचने के आरोप हैं। बिशप डायोसिस ऑफ लखनऊ मेट्रोपोलियन चर्च ऑफ इंडिया के जॉन अगेस्ट्रीन ने मामले की तहरीर दी है। हेरा-फेरी के इस केस में पुलिस ने नामजद 16 पदाधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।

बिशप जॉन अगेस्ट्रीन दी है तहरीर

बताते हैं कि इंडियन चर्च ट्रस्टीज के अधीन डायोसिस ऑफ लखनऊ, चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया ट्रस्ट एसोसिएशन आदि संस्थानों की संपत्तियों को लेकर पहले भी यहां रिपोर्टें दर्ज कराई गई हैं। यह बाद दीगर है कि इस मर्तबा राजाजीपुरम लखनऊ के रहने वाले बिशप जॉन अगेस्ट्रीन ने 16 पदाधिकारी नामजद व कई अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। उनके द्वारा नामजद किए गए लोगों में एल्वान मसीह, पीसी सिंह, पीपी मरांडी, पीके समन्तोराय, बिशप पीटर बलदेव, जयंत अग्रवाल, पाल दुपहरे पीपी हाविल, सुरेश जैकब, राजीव चंद्र, एआर स्टीफन, एचआर मल, मार्विन मैसी, प्रेम मैसी, अशोक विश्वास, प्रबल दत्ता, शशि प्रकाश शामिल हैं।

इन लोगों पर आरोप है कि फर्जी सोसाइटी, एसोसिएशन बनाकर कूटरचित दस्तावेज के सहारे डायसिस ऑफ लखनऊ, 25 महात्मा गांधी मार्ग सिविल लाइंस की अरबों की संपत्ति का बंदरबांट कर लिया गया। करीब सौ अरब की जमीन को फर्जी तरीके से बेचा गया। ट्रस्ट की जमीन दूसरी संस्थाओं को ट्रांसफर कर उसे बेच दिया। सिविल लाइंस पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

वर्जन

मामले में तहरीर मिलने के बाद मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।

-राकेश चौरसिया, इंस्पेक्टर सिविल लाइंस