- एस्टीमेट से तीन गुना के बनाए वर्क आर्डर

- 25 से अधिक फाइलों में मिली गड़बड़ी

मितेंद्र गुप्ता

मेरठ। नगर निगम में एक और घोटाला सामने आया है। नगर निगम के जलकल विभाग में एक हैंडपंप की मरम्मत के लिए 22 हजार रुपये का एस्टीमेट बनाया, लेकिन उसका वर्क ऑर्डर 68 हजार रुपये का जारी कर दिया। मामला सामने आने पर जलकल विभाग में खलबली मच गई। वहीं अकाउंट्स विभाग ने जलकल विभाग व अकाउंटस के लिपिकों से स्पष्टीकरण कर पूछा है कि किसने इसका वर्क ऑर्डर जारी किया।

एक नहीं, 25 फाइलें

ऐसी एक फाइल नहीं है। 25 से अधिक फाइलें हैं, जिनमें इस प्रकार की गड़बड़ी पाई गई है। यदि एक फाइल में 40 हजार की गड़बड़ी लगाई जाए तो 25 फाइलों दस लाख रुपये से अधिक घोटाला हो जाता है। लेखा विभाग ने सभी फाइलों का पेमेंट रोक दिया है। लेखाधिकारी फाइल को ठीक से देखते नहीं तो बिल पास हो जाता है। नगर निगम के लाखों रुपये अधिकारियों व कर्मचारियों के जेब में पहुंच जाते।

पहले भी था घोटाला

हाल ही में सबमर्सिबल रिपेयरिंग में भी घोटाला सामने आया था। नए सबमर्सिबल की कीमत पर नगर निगम के जलकल विभाग ने पुराने सबमर्सिबल की मरम्मत करा दी थी। एक दो नहीं बल्कि एक हजार के करीब एक और दस हॉर्स पॉवर के सबमर्सिबल की मरम्मत कराई गई थी।

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मामला अभी संज्ञान में आया नहीं है। यदि ऐसा है तो गंभीर बात है। मामले की जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।

-मनोज कुमार चौहान, नगर आयुक्त

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टूटेगा ठेकेदारों का तिलिस्म

-नगर निगम में जड़े जमाए ठेकेदारों को उखाड़ने का काम करेगा

-नगर निकाय राज्यमंत्री ने पकड़ा कॉकस, दिए सख्त आदेश

मेरठ। नगर निगम अधिकारियों के चहेते ठेकेदार को तिलिस्म अब नहीं चलेगा। क्योंकि नगर निकाय राज्यमंत्री की टेढ़ी नजर अधिकारियों के चहेते पर पड़ गई है। अब तक नगर निगम में कोटेशन के बल पर ही एक लाख रुपये तक काम चहेते ठेकेदारों को गुपचुप तरीके से दे दिया जाता था। लेकिन अब एक लाख रुपये तक के काम को पहले कमेटी से पास कराना होगा। उसके बाद ही निर्माण विभाग का कोई काम होगा।

दो तीन ठेकेदारों को ही काम

भाजपा नेताओं ने गुरुवार को नगर निकाय राज्यमंत्री गिरीश चंद यादव से शिकायत की थी कि नगर निगम ने एक लाख रुपये तक के काम बिना टेंडर ही करा दिए जाते हैं। यही नहीं निर्माण विभाग के काम को केवल दो तीन ठेकेदार ही करते हैं। उनके अलावा किसी भी ठेकेदार को काम नहीं मिलता है। इस पर नगर निकाय मंत्री ने नगर आयुक्त को जमकर फटकार लगाते हुृए नियमानुसार काम करने की हिदायत दी थी।

नगर आयुक्त ने तलब की कमेटी

नगर आयुक्त मनोज कुमार चौहान ने नगर निगम में बनी कोटेशन कमेटी को तलब कर लिया है। स्पष्ट रूप से कह दिया है कि अब एक लाख रुपये तक के काम बिना कोटेशन कमेटी के पास किए बगैर नहीं होगा।

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नगर निगम में कोटेशन कमेटी बनी हुई है। उसकी अनुमति के बाद ही अब एक लाख रुपये तक के कोटेशन के काम होंगे। कमेटी के बैठक कर निर्देश जारी कर दिए हैं।

मनोज कुमार चौहान, नगर आयुक्त