- नैनीताल हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक संबंधी दोनों याचिकाएं की कैंसिल

- कोर्ट ने एसआईटी की कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट भी सरकार को लौटाई

नैनीताल:

हाई कोर्ट ने करीब 500 करोड़ के स्कॉलरशिप स्कैम के आरोपी समाज कल्याण विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर गीता राम नौटियाल को तगड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने नौटियाल की गिरफ्तारी पर रोक संबंधी दोनों याचिकाएं कैंसिल कर दीं। इससे अब एसआईटी के लिए नौटियाल की गिरफ्तारी की राह आसान हो गई है।

कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट का हवाला

स्कॉलरशिप स्कैम को लेकर चीफ जस्टिस रमेश रंगनाथन व जस्टिस आलोक कुमार वर्मा की बेंच में सुनवाई की गई। सुनवाई के दौरान एसआईटी की ओर से पेश कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट भी सरकार को वापस कर दी। रिपोर्ट में कहा गया है कि नौटियाल के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं और वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा। घोटाले से संबंधित दस्तावेज भी उसके द्वारा नहीं दिए जा रहे हैं। गिरफ्तारी से बचने के लिए न्यायिक प्रक्रिया की आड़ लेने के साथ ही वह इधर-उधर भाग रहा है। इस रिपोर्ट के आधार पर हाई कोर्ट ने नौटियाल की याचिका कैंसिल कर दी। अब एसआईटी किसी भी वक्त नौटियाल को अरेस्ट कर सकती है।

एससी-एसटी कमीशन का आदेश भी किया था कैंसिल

समाज कल्याण विभाग के ज्वॉइंट डायरेक्टर नौटियाल ने गिरफ्तारी से बचने के लिए पहले नैनीताल हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट की शरण ली। सुप्रीम कोर्ट ने मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन होने की वजह से वापस भेज दिया। दोनों कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक नहीं लगाई थी। इस पर नौटियाल ने राज्य के अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग में प्रार्थना पत्र देकर खुद के उत्पीड़न होने का आरोप लगाया था। आरोप लगाया कि एसआईटी पूछताछ के बहाने उत्पीड़न कर रही है। इस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने नौटियाल पर कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। मामला फिर जनहित याचिका के माध्यम से हाई कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने एससी-एसटी कमीशन का आदेश निरस्त कर दिया था।