प्रथम चरण में केवल 260 स्कूली वाहन ही पहुंचे जांच के लिए

37 वाहनों को पुन: निरीक्षण के लिए भेज गया वापस

Meerut। स्कूली वाहनों की अनफिट हालत को दुरस्त करने के लिए आयोजित फिटनेस जांच कार्यक्रम के पहले चरण में रविवार को मात्र 260 स्कूली वाहन ही जांच के लिए पहुंचे। इनमें से 37 वाहनों को पुन: निरीक्षण के लिए एक हफ्ते का नोटिस देकर वापस भेज दिया गया। गौर करने लायक बात यह है कि पहले चरण में करीब 80 प्रतिशत वाहन फिटनेस जांच के लिए आए ही नहीं।

मात्र 20 फीसदी वाहन

मेरठ जनपद में करीब 1316 स्कूली वाहन पंजीकृत हैं। इनमें से मात्र 260 वाहन ही रविवार को फिटनेस जांच के लिए पहुंच सके। इनमें से 223 वाहन मानकों के अनुसार फिट पाए गए जबकि 37 वाहनों को पुन: निरीक्षण के लिए वापस भेज दिया गया। रविवार को अधिकतर वाहनों को पहले चरण में ही फिटनेस के लिए बुलाया गया था। लेकिन अनफिट और खस्ता हाल होने के कारण अधिकतर स्कूलों ने अपने वाहनों को जांच के लिए नहीं भेजा।

सप्ताह बाद होगा निरीक्षण

रविवार को जो वाहन अनफिट मिले उनको एक सप्ताह बाद का समय देकर वापस भेज दिया गया। इन वाहनों को सात दिन के अंदर अपने वाहन को फिट कराकर वापस अगले चरण में फिटनेस लिए लाना होगा।

जांच उपकरणों की कमी

टेक्निकल टीम की कमी और प्रदूषण जांच उपकरणों की कमी के चलते यातायात पुलिस, परिवहन विभाग और आरटीओ के टेक्निकल अधिकारियों ने वाहनों का ऊपरी तौर पर निरीक्षण किया। इस दौरान वाहनों की बॉडी से लेकर डेंट-पेंट और इंजन की स्थिति की जांच की गई। पहले दिन अधिकतर स्कूलों की फिट बसें ही निरीक्षण के लिए पहुंची थी।

जगह की कमी

वाहनों की फिटनेस के लिए निर्धारित किए गए विक्टोरिया पार्क में जगह की कमी के चलते साकेत आईटीआई में वाहनों की फिटनेस जांची गई। इस दौरान वाहनों की आवाजाही के चलते जेली चुंगी, साकेत रोड और विक्टोरिया पार्क के आसपास जाम की स्थिति बनी रही।

पहले चरण में उम्मीद से कम वाहन फिटनेस के लिए पहुंचे। अगले चरण के लिए अधिक से अधिक वाहनों को बुलाया गया है। यदि तब भी यही हाल रहा तो समयावधि बढ़ाया जाएगा।

चंपा लाल निगम, आरआई टेक्नीकल