-पहली सितंबर से स्कूल व्हीकल्स पर लागू होगा नया मोटर व्हीकल एक्ट

-स्कूल व्हीकल्स को अपडेड कराने में आएगा मोटा खर्च, पेरेंट्स पर बढ़ सकता है बोझ

फैक्ट एंड फिगर

98-स्कूलों के पास हैं अपना व्हीकल

36-इंडिपेंडेंट स्कूल हैं शहर में

500-वाहन स्कूलों में लगे हैं

बरेली। नए मोटर व्हीकल एक्ट के लागू होने के बाद स्कूल बसों में बच्चे सुरक्षित हो सकेंगे। इससे पेरेंट्स को बड़ी राहत मिली है। नए रूल्स को फॉलो करने के लिए स्कूल ओनर्स ने बसों को अपडेट कराना भी शुरू कर दिया है, हालांकि बसों में किए जाने वाले बदलाव का बोझ कहीं ने कहीं पेरेंट्स को उठाना पड़ सकता है। वहीं पेरेंट्स भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूल बसों में किए जा रहे बदलाव को लेकर काफी रिलैक्स महसूस कर रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि इसका बोझ पेरेंट्स पर नहीं पड़ना चाहिए।

स्कूलों के सामने चैलेंजेज

-बड़ी संख्या में पुराने व्हीकल एक साथ कैसे होंगे अपडेट

-एक साथ सभी व्हीकल अपडेट कराएंगे तो बच्चों पहुंचाने के लिए अदर व्हीकल कहां से आएंगे

-नए व्हीकल्स को भी एक्ट के अनुसार कराना होगा अपडेट

-व्हीकल्स को अपडेट कराने पर आएगा मोटा खर्च

-व्हीकल अपडेट नहीं कराने पर प्रशासन करेगा कार्रवाई

मानक पूरे करने लगे

इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष पारुष अरोरा ने बताया कि स्कूल वाहनों को नए ट्रैफिक रूल्स के अनुसार अपडेट कराया जा रहा है। मैंने भी अपने स्कूल के वाहन अपडेट कराने के लिए ऑर्डर किया है। बाकी स्कूल भी वाहनों को अपडेट करने में लगे हुए हैं।

सरकार की तरफ से जो निर्देश आया है उसको फॉलो करने के लिए तैयारी चल रही है। स्पष्ट हो जाए कि रूल्स किस तरह से फॉलो करना है। शुरूआत में थोड़ी प्रॉब्लम होती है लेकिन फॉलो तो करना ही है।

प्रत्यक्ष ढींगरा, डायरेक्टर अल्मा मातेर स्कूल

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बढ़ सकता है पेरेंट्स पर बोझ

निजी स्कूलों में चलने वाले व्हीकल्स को अपडेट कराने के लिए स्कूल ओनर्स को मोटी रकम खर्च करनी होगी। साथ ही जिस वाहन में ग‌र्ल्स स्कूल आती-जाती हैं उसमें एक महिला स्टाफ भी रखना होगा। ऐसे में स्कूल पर एक्स्ट्रा खर्च करना होगा, जिसका बोझ कहीं न कहीं पेरेंट्स पर बढ़ सकता है।

बच्चों की सुरक्षा के लिए जो नियम बनाए गए हैं वह सही है। स्कूल ओनर्स को इनको फॉलो करना चाहिए, लेकिन इसका एक्स्ट्रा बोझ पेरेंट्स पर नहीं पड़ना चाहिए।

प्रीती, पेरेंट

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-जो रूल्स बनाए गए हैं स्कूल उन्हें फॉलो करें तो अच्छी बात है, बच्चों की सुरक्षा के लिए यह जरूरी भी है। लेकिन पेरेंट्स पर एक्स्ट्रा बोझ नहीं होना चाहिए।

अंजना, पेरेंट

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फेज वाइज वाहन होंगे अपडेट

स्कूली बसों के साथ हो रहे हादसों से सबक लेते हुए सरकार ने जो कदम उठा थे, उसे आरटीओ फेज वाइज लागू करेगा। जिससे बसों को नई मोटर यान नियमावली के मुताबिक अपग्रेड करने के लिए स्कूलों को समय मिल सके। आरटीओ का कहना है कि पहले फेज में बसों में सीसीटीवी, स्पीड गवर्नर, फ‌र्स्ट एड बॉक्स, फायर एक्सटिंग्यूशर और जीपीएस लगाए जाएंगे।

ये होंगे बदलाव

-वाहनों में सीट बेल्ट बांधने की सुविधा।

-बस-वैन का रंग पीला व स्कूल का नाम लिखा जाएगा।

-बस में इमरजेंसी एग्जिट जरूरी।

-वाहन में भरोसेमंद लॉक।

- प्रेशर हॉर्न या मल्टीटोन हार्न न हो, अलार्म होना जरूरी।

-फ‌र्स्ट-एड बॉक्स व दो किलो क्षमता का अग्निशमन यंत्र।

-बैग रखने के लिए रैक लगी हो।

-बच्चों के उतरते व चढ़ते समय वाहन में रेड लाइट की व्यवस्था।

-स्कूल वाहन की गति सीमा 40 किमी। से अधिक न हो।

-व्हीकल में जीपीएस

-पार्किंग एरिया में सीसीटीवी

-बस के अंदर सीसीटीवी

-बस में ग‌र्ल्स के साथ महिला स्टाफ जरूरी

-15 साल से पुराना व्हीकल स्कूल में नहीं चल सकेगा

-बस और कंडक्टर का वेरिफिकेशन

- हेल्थ चेकअप सहित व्हीकल की समय पर फिटनेस जरूरी