- सरकार ने फरवरी में एग्जाम कराने के दिए हैं निर्देश

- स्कूलों में छुट्टियों के कारण अभी कोर्स पूरा नही

Meerut: माध्यमिक शिक्षा में नेक्स्ट सेशन जुलाई के बजाय अप्रैल से शुरू करने को लेकर गहमागहमी चल रही है। जिसके लिए स्कूलों में एग्जाम फरवरी में कराए जाने तय हुए हैं। सरकार ने तो अपना आदेश जारी कर दिया, लेकिन स्कूलों की हालत ये है कि वे कोर्स को लेकर परेशान हैं। कोर्स कैसे पूरा होगा यह स्कूलों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। एक तरफ सरकार सीबीएसई की तर्ज पर जल्दी एग्जाम कराकर एक महीने की पढ़ाई कराना चाहती है, लेकिन अभी तक कॉलेजों में आधा भी कोर्स पूरा नहीं हुआ है।

यह है सीन

सूबे में यूपी बोर्ड के हजारों स्कूल हैं। जहां लाखों की संख्या में बच्चे पढ़ते हैं। नियमानुसार स्कूलों में बच्चों की ख्ख्0 दिन की पढ़ाई जरूरी है। लेकिन इस बार स्कूलों में कोर्स को लेकर सभी परेशान हैं। एडमिशन के बाद से छुट्टियों का अंबार लगा हुआ है। अक्टूबर पूरा छुट्टियों में बीत गया और अब नवंबर में भी कई छुट्टियां हो चली हैं। जहां पहले दिसंबर तक आधा कोर्स हो जाता था और छमाही एग्जाम होते थे, इस बार हालत काफी खराब हैं। अभी तक कोर्स कुछ भी नहीं हुआ है। वहीं सरकार का डंडा स्कूलों पर फरवरी में एग्जाम कराए जाने का आ गया है।

कैसे हो पाएगा कोर्स

स्कूलों में टीचर्स और बच्चे कोर्स को लेकर दिक्कत में आ गए हैं। ऐसे में स्कूलों को सरकार और विभाग के नियमों का पालन करना पड़ेगा, लेकिन बच्चों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। साल भर की स्थिति देखें तो पूरे साल छुट्टियों की भरमार होती है। कभी ख्ख्0 दिन की पढ़ाई पूरी नहीं हो पाती है। कोर्स पूरा करने के लिए इस बार जद्दोजहद करनी पड़ेगी। टीचर्स अपने स्टूडेंट्स का इतने कम समय में कोर्स कैसे पूरा कर पाएगा इस पर उलझन बनी हुई है। अगर स्टूडेंट्स स्कूल और कोचिंग्स दोनों में पढ़ाई करता है तो भी कोर्स पूरा नहीं होता।

फरवरी में एग्जाम कराने आसान नहीं होंगे। शासन जो चाहता है वह करना पड़ेगा। हमने स्कूलों को निर्देश जारी कर दिए हैं। स्कूलों में टीचर्स बच्चों के कोर्स को लेकर परेशान हैं।

- महेंद्र देव, संयुक्त शिक्षा निदेशक मेरठ मंडल