- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट द्वारा चलाए गए कैंपेन भारी बस्ता के बाद स्कूलों ने शुरू की पहल

- डीआईओएस ने भी स्कूलों को दिया गाइड लाइन फॉलो करने का निर्देश

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GORAKHPUR: गोरखपुर के स्कूल्स में छोटे-छोटे बच्चों को कमर दर्द, तालू में दर्द और रीढ़ की हड्डी में शिकायत सामने आ रही है। जिसका कारण कम एज में भारी बस्ता है। इसे कम करने के लिए शुरू हुआ दैनिक जागरण आई नेक्स्ट का कैंपेन भारी बस्ता अब रंग लाने लगा है। इसके बाद से ही शहर के स्कूल्स अलग-अलग तरीके से बच्चों का बस्ता हल्का करने में लग गए हैं। वहीं, प्रशासन ने भी मामले को संज्ञान में लेते हुए गाइडलाइन के अनुसार बच्चे का बैग रखने का निर्देश्ा दिया है।

गिफ्ट देकर बच्चों को कर रहे अवेयर

गोरखपुर के आरपीएम स्कूल के डायरेक्टर अजय शाही ने अपने स्कूल में बस्ता हल्का करने की अच्छी तरकीब निकाली है। उन्होंने सभी क्लास टीचर्स से कहा है कि अपने-अपने क्लास में वो बच्चों के बैग पर भी ध्यान दें कि वो क्या-क्या लेकर आ रहे हैं। साथ ही जो बच्चा टाइम टेबल के हिसाब से किताबें लाएं और उसके अलावा बस्ते में फालतू कोई चीज ना हो, ऐसे बच्चों को पुरस्कार स्वरूप चॉकलेट या गिफ्ट दिया जाए। ये देखकर और भी बच्चे ऐसा करेंगे, जिससे उनका बैग भी साफ रहेगा और उन्हें भारी बस्ते का सामना भी नहीं करना पड़ेगा।

स्कूल मित्रा एप कर रहा काम हल्का

इसी तरह शहर के पिलर्स पब्लिक स्कूल में भी बच्चों के बैग से लगाए होम वर्क तक की निगरानी की जा रही है। इसके लिए स्कूल प्रिंसिपल ने स्कूल मित्रा एप बनाया है। इसमें स्कूल टीचर्स, स्टूडेंट और पैरेंट्स को जोड़ा गया है। पिलर्स पब्लिक स्कूल में डेली बच्चों का बैग चेक किया जाता है। किसी बच्चे ने जरूरत से ज्यादा किताबें लाई हैं तो उसकेपैरेंट्स को इसकी जानकारी दी जाती है। इसमें स्कूल मित्रा एप बहुत सहायक भूमिका निभा रहा है।

वर्जन

सभी स्कूल को निर्देश जारी कर दिया है कि वे गाइड लाइन का पालन करें। इसके बाद मैं खुद जाकर चेक भी करूंगा।

-ज्ञानेन्द्र सिंह भदौरिया, डीआईओएस