- कैंट बोर्ड के बाद यातायात पुलिस ने भी सहयोग में असमर्थता जताई

- स्कूलों को वोलंटियर लगाकर बनानी होगी यातायात व्यवस्था

Meerut : शनिवार को कुछ स्कूल खुल गए और बाकी के सोमवार को खुल रहे हैं। वेस्ट एंड रोड पर एक कतार में स्थित आठ स्कूलों में से 25 हजार से अधिक बच्चे निकलते हैं। इस दौरान उत्पन्न होने वाली जाम की स्थिति से अब स्कूलों को ही निपटना पड़ेगा। कैंट बोर्ड के बाद अब जिले की यातायात पुलिस ने भी वेस्ट एंड रोड की यातायात व्यवस्था में सहयोग देने से इनकार कर दिया है। यातायात विभाग की ओर से भी स्कूलों को भेजे गए पत्र में योजना के पूर्व हुई गोष्ठी की याद दिलाते हुए स्कूलों को दो-दो वोलंटियर लगाकर स्कूलों के खुलने व बंद होने के दौरान यातायात की व्यवस्था सुधारने को कहा गया है।

सोमवार को क्या होगा?

शनिवार को तीन स्कूलों में करीब पांच हजार बच्चे ही स्कूल पहुंचे थे, जबकि सोमवार को उपस्थिति पूरी रहने की पूरी संभावना है। आठों स्कूलों में कुल मिलाकर करीब 25 हजार छात्र-छात्राएं हैं। इनमें से अधिकतम 30 प्रतिशत बच्चे ही स्कूल बसों से आते हैं। 70 प्रतिशत बच्चे ऑटो, निजी वाहन, जिसमें चार पहिया व दुपहिया वाहन भी शामिल हैं।

पुलिस की नहीं मानते

वेस्ट एंड रोड पर स्कूल खुलने व बंद होने के दौरान चार पहिया वाहनों की नो एंट्री लागू की गई है। योजना के शुरुआती दिनों में जब कैंट बोर्ड के अधिकारी व कर्मचारी यातायात पुलिस व रोड सेफ्टी क्लब के कई सदस्यों के साथ मिलकर भी चार पहिया वाहनों पर आने वाले 'साहबों' को नहीं रोक पाए तो स्कूल के वोलंटियर उन्हें कैसे रोक पाएंगे। जहां तक स्कूल के वोलंटियर की बात है तो वे किसी पर भी सख्त नहीं होंगे।

इनका कहना है

जनहित में कैंट बोर्ड की ओर से वेस्ट एंड रोड की यातायात को सुधारने में परिषद के लोगों को लगाया गया था लेकिन अब उस व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी संबंधित स्कूल प्रबंधन व यातायात पुलिस की है। छावनी परिषद के किसी कर्मचारी को प्रतिनियुक्त नहीं किया जा सकता।

-राजीव श्रीवास्तव, सीईओ, कैंट बोर्ड, मेरठ

-ट्रैफिक विभाग के पास मैन पावर कम है। कम संख्या में ही हमें पूरे शहर का ट्रैफिक देखना है। स्कूलों के साथ गोष्ठी में वालंटियर लगाए जाने पर सहमति बनी थी इसलिए आगे की व्यवस्था स्कूल अपने वोलंटियर लगाकर बनाएं।

-किरन यादव, एसपी ट्रैफिक, मेरठ