- साइंस डे पर शिक्षण संस्थानों में हुए डिफरेंट आयोजन

- अलग अलग विषयों पर एक्सपर्ट पैनल द्वारा हुई चर्चा

- गवर्नमेंट डिपार्टमेंट्स में भी हुए डिस्कशन बेस्ड प्रोग्राम

DEHRADUN: नेशनल साइंस डे के मौके पर सिटी के कई डिफ्रेंट इंस्टीट्यूट्स में प्रोग्राम ऑर्गनाइज किए गए। स्कूल्स में जहां बच्चों में साइंस को बढ़ावा देने के मकसद से प्रोग्राम ऑर्गनाइज किए गए, तो वहीं गवर्नमेंट डिपार्टमेंट्स में भी विज्ञान की दिशा और दशा को लेकर कई तरह के प्रोग्राम ऑर्गनाइज हुए। इन सभी आयोजनों में साइंस व‌र्ल्ड में हो रहे बदलाव और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी पर चर्चा की गई।

सर्वे ऑफ इंडिया में विचार गोष्ठी

'वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा' टॉपिक पर सर्वे ऑफ इंडिया में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर कई स्कूल्स के स्टूडेंट्स और टेक्निकल इंस्टीट्यूट्स ने हिस्सा लिया। प्रोग्राम के अलावा स्टूडेंट्स को भारतीय सर्वेक्षण विभाग के उत्तरी मुद्रण वर्ग के अंतर्गत होने वाले विभिन्न कार्यो की जानकारी भी दी गई। इस मौके पर ओपी त्रिपाठी, मनमोहन सरन, विनय कुमार मधुकर तिवारी आदि माैजूद रहे।

डील मे मोबाइल एडहॉक पर व्यख्यान

डील के सभागार में नेशनल साइंस डे के मौके पर वैज्ञानिक त्रिलोक कुमार सैनी द्वारा मोबाइल एडहॉक एवं नेटवर्किंग तथा क्वालिटी ऑफ सर्विसेज टॉपिक पर व्याख्यान दिया गया। इस मौके पर टॉपिक को लेकर क्वेश्चन राउंड के दौरान विभिन्न मुद्दों पर जवाब भी दिए गए। प्रोग्राम में रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार अविनाश चंद्र द्वारा वैज्ञानिक त्रिलोक कुमार सैनी को मेडल और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। प्रोग्राम डील के डायरेक्टर आरसी अग्रवाल की अध्यक्षता में ऑर्गनाइज हुआ।

सांइस को लेकर जागरुकता प्रोग्राम

डीबीएस पीजी कॉलेज में विज्ञान दिवस के मौके पर साइंस के प्राति जागरुकता प्रोग्राम ऑर्गनाइज किया गया। इस मौके पर एचएनबी गढ़वाल सेंट्रल युनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति डा। एसपी सिंह बतौर चीफ गेस्ट मौजूद रहे। प्रोग्राम में विज्ञान के मौजूदा हालातों को लेकर मंथन किया गया। चीफ गेस्ट डा। सिंह ने कहा कि विज्ञान के अध्यापन में वैज्ञानिक प्रविधि की आवश्यकता है। विज्ञान को सृजनात्मक होना चाहिए। डा। बीबी रायजादा ने कहा कि विज्ञान की खोज सत्य की खोज है और यही वैदिक धर्म का कर्तव्य भी। आईआरडीई के पूर्व निदेशक डा। हृदयनाथ ने कहा कि विकास में वैज्ञानिक सोच की कमी है। कहा कि व्यक्ति को तार्किक होना चाहिए। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ। ओपी कुलश्रेष्ठ ने कहा कि स्टूडेंट्स का परिप्रेक्ष्य वैज्ञानिक होना चाहिए।

जैव विविधता पर सेमीनार

उत्तरांचल पीजी कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी एंड बायो मेडिकल साइंसेज में 'जैव विविधिता के समक्ष चुनौतियां टॉपिक' पर नेशनल सेमीनार ऑर्गनाइज की गई। सेमिनार को मैनेजिंग डायरेक्टर जीडीएस वार्ने व प्रेसीडेंट पुष्पा वार्ने ने इनॉगरेट किया। डिफरेंट स्टेट्स से आए एक्सप‌र्ट्स ने जैव विविधता की चुनौतियों पर जानकारी सांझा की। अरुणाचल प्रदेश से डा। द्विपेन्द्र ठकुरिया, गढ़वाल युनिवर्सिटी से प्रो। जेपी भट्ट और हिमाचल प्रदेश युनिवर्सिटी से प्रो। अरविंद कुमार भट्ट ने व्याख्यान दिया। संस्थान के निदेशक डा। आरपी काला, उप निदेशक डीके गुप्ता, आयोजक सचिव डा। ममता जोशी आदि माैजूद रहे।

स्कूल्स में भी हुए प्रोग्राम

जिंप पायनियर स्कूल में साइंस एग्जिबीशन ऑर्गनाइज हुई। एग्जिबीशन में टेंथ और इलेवंथ क्लास के स्टूडेंट्स ने नेशनल साइंस डे के मौके पर डिफरेंट मॉडल्स प्रेजेंट किया। स्कूल के प्रिंसिपल जगदीश पांडे ने स्टूडेंट्स को सांइस के महत्व के बारे में जानकारी दी। केंद्रीय विद्यालय आईटीबीपी में म्0 स्टूडेंट को मिलाकर बनाई गई ग्रीन आर्मी बनाई गई। नेशनल साइंस डे के मौके पर स्कूल प्रिंसिपल मीनाक्षी जैन द्वारा इस आर्मी को बैजेज प्रदान किए गए। इस मोके पर बच्चों को रिसाइकलिंग और एंवायरमेंट फ्रेंडली होने को लेकर मोटिवेट भी किया गया। इस मौके पर स्कूल के चेयरमैन डीआईजी अमित प्रसाद ने पेपर रीसाइकलिंग के लिए जल्द मशीन की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया।

आईआईपी में वर्कशॉप

नेशनल साइंस डे के मौके पर 'जैव-जैट-ईधन-भविष्य के पर्यावरण- स्नेही और संधारणीय विमानन की कुंजी' टॉपिक पर वर्कशॉप ऑर्गनाइज की गई। डीएसटी के सहयोग से ऑर्गनाइज हो रही वर्कशॉप में विमानों से उत्पन्न कार्बन के डिमेरिट्स और जैव-जैट-ईधन के इस्तेमाल ये इस इसके प्रभाव को कम करने पर भी एक्स्प‌र्ट्स ने अपने विचार रखे। वर्कशॉप में इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के अनुसंधानकर्ता, गवर्नमेंट ऑफिसर्स और एयरलाइन से जुड़े अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर स्पाइस जेट से दिव्या वासुदेव, इंडियन एयरलाइन से गुरुचरण अरोड़ा, एन विसा फ्रांस से कै। कमल ग्रोवर आदि मौजूद रहे।