स्पेस में ताजी हरी सब्जियां उगाने के लिए गुड बैक्टीरिया संग स्पेस में भेजी गई ब्रॉकली

वाशिंगटन (पीटीआई)हाल ही में अमरीका द्वारा अंतरिक्ष में भेजे गए एक स्पेसक्राफ्ट में वैज्ञानिकों ने पॉपुलर ग्रीन वेजीटेबल ब्रॉकली के कुछ बीज भेजे हैं। भेजे गए ये 6 बीज बहुत सारे गुड बैक्टीरिया से लैस हैं। इन्हें अंतरिक्ष में भेजने का उद्देश्य यह है कि आने वाले समय में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन यानि ISS पर रहने वाले एस्ट्रोनॉट्स वहीं पर अपने खाने के लिए ताजी हरी सब्जियां उगा सकें। अमरीका की स्पेस एजेंसी ने पिछले हफ्ते ही Orbital ATK Cygnus स्पेसक्राफ्ट में ब्रॉकली के ये बीज भेजे हैं। बहुत कम ग्रैविटी और बिल्कुल अलग माहौल में उगाने लायक बनाने के लिए ब्रॉकली के इन बीजों पर दो प्रजातियों के गुड बैक्टीरिया की कोटिंग की गई है। ताकि ये सामान्य से अधिक तेज गति से उग सकें और बेहतर ढंग स ग्रो कर सकें।

 

भविष्य में मंगल और चांद पर भी सब्जियां उगाने की कोशिश

स्पेस में ब्रॉकली के बीज भेजकर वैज्ञानिक उम्मीद कर रहे हैं कि स्पेस के माहौल में ISSपर सब्जियां उगाने का कोई न कोई सही तरीका निकल ही आएगा। माना जा रहा है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर ही नहीं एस्ट्रोनॉट्स मंगल ग्रह और अपने चांद पर भी ताजी हरी सब्जियां उगाने में सफल होंगे। बता दें कि ब्रॉकली के इन बीजों पर गुड बैक्टीरिया की कोटिंग करने के लिए उन खास बैक्टीरिया की खोज वॉशिंगटन यूनीवर्सिटी में की गई। ये बैक्टीरिया उगाए गए पौधे के भीतर ही मौजमद रहेंगे और पौधे को तेज गति से बढ़ने में मदद करेंगे।

अंतरिक्ष वैज्ञानिक खुद ही उगाकर खा सकें सब्जियां,इसलिए वैज्ञानिकों ने किया ये काम!


ब्रॉकली ही क्यों
?

स्पेस में ब्रॉकली वेजीटेबल के बीज भेजने को लेकर वैज्ञानिकों का कहना है कि यह एक बेहतरीन डायटरी सप्लीमेंट है, जो लंबे वक्त के स्पे मिशन के दौरान एस्ट्रोनॉट्स की मदद कर सकता है। यही नहीं इसमें एक ऐसा गुण भी है जो इंसानी शरीर में कैंसर पैदा होने से भी रोकता है।


हाईस्कूल स्टूडेंट्स को बहुत कुछ नया सिखाएगा यह प्रयोग

स्पेस में वेजीटेबल उगाने से जुड़ी इस रिसर्च के पीछे दिमाग है कैलीफोर्निया के एक स्कूल के 10वीं क्लास के बच्चों का। लो ग्रैविटी वाले स्पेस जैसे प्रतिकूल माहौल में सब्जियां कैसे उगाई जा सकती हैं, इसी को लेकर Valley Christian High School के बच्चों के रिसर्च प्रोजेक्ट को आधार बनाकर ही वैज्ञानिकों ने स्पेस में सब्जी के ये बीज भेजे हैं। ISS पर पहुंचने के बाद बीजों को रोपने से लेकर उनके बड़े होने तक हर रोज ऑटोमैटिक कैमरे इन पौधों की निगरानी करेंगे और उसका डेटा स्कूल प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों को भी देंगे।

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